‘भारत के लोग चीन, अरब और अफ्रीकी जैसे’, कांग्रेस नेता और गांधी परिवार के करीबी सैम पित्रोदा के ताजा बयान से विवाद

नई दिल्ली। गांधी परिवार के करीबी और इंडियन ओवरसीज कांग्रेस के अध्यक्ष सैम पित्रोदा के बयानों पर विवाद खड़ा हो गया है। अब सैम पित्रोदा ने एक और ताजा विवादित बयान दिया है। सैम पित्रोदा ने भारत के पूर्व में रहने वालों को चीन के लोगों जैसा बताया है। उन्होंने भारतीयों को अरब और अफ्रीकी जैसा भी बताया है।

द स्टेट्समैन से इंटरव्यू में सैम पित्रोदा ने कहा कि भारत एक विविधता वाला देश है। यहां सभी एक साथ रहते हैं। सैम पित्रोदा ने ये भी कहा कि यहां पूर्वी भारत के लोग चीन के लोगों जैसे, पश्चिम भारत के निवासी अरब जैसे और दक्षिण में रहने वाले अफ्रीका के रहने वालों की तरह दिखते हैं। सैम पित्रोदा ने कहा कि इसके बाद भी हम सभी मिल जुलकर रहते हैं।

सैम पित्रोदा के बयान में भारतीयों को अलग-अलग देशों के नागरिकों जैसा बताने से कांग्रेस के लिए दिक्कत खड़ी हो गई है। बीजेपी ने इस मसले पर कांग्रेस और राहुल गांधी को घेरा है और कहा है कि ये भारतीयों में अलगाव पैदा करने की कोशिश है। बीजेपी ने इस बयान को भारत के लोगों का अपमान भी बताया है।

इससे पहले बीते दिनों सैम पित्रोदा ने विरासत टैक्स पर बयान देकर कांग्रेस के लिए दिक्कत खड़ी की थी। पित्रोदा ने अमेरिका का हवाला देकर भारत में भी विरासत टैक्स लगाने की वकालत की थी। बीजेपी जब इस मामले में हमलावर हुई, तो कांग्रेस को ये कहना पड़ा कि विरासत टैक्स लगाने का मुद्दा पार्टी का नहीं है और सैम पित्रोदा ने निजी तौर पर बयान दिया है।

सैम पित्रोदा के बयानों की वजह से कांग्रेस इस वजह से निशाने पर आती रही है, क्योंकि वो गांधी परिवार के करीबी हैं। राहुल गांधी के विदेश में होने वाले सभी कार्यक्रमों को सैम पित्रोदा ही कराते हैं। साल 2019 के लोकसभा चुनाव के वक्त 1984 के सिख विरोधी दंगों पर पित्रोदा ने कहा था कि हुआ तो हुआ।

वहीं, ये भी कहा था कि भारत में मध्यम वर्ग को स्वार्थी नहीं बनना चाहिए और कांग्रेस की न्याय योजना को फंड देने के लिए ज्यादा टैक्स देने के लिए तैयार रहना चाहिए। सैम पित्रोदा ने ये भी कहा था कि पुलवामा जैसे हमले होते रहते हैं। भारत सरकार से बालाकोट एयरस्ट्राइक के सबूत भी सैम पित्रोदा ने मांगे थे। राहुल गांधी जब अमेरिका गए थे, तब उनके सामने ही सैम पित्रोदा ने ये बयान देकर विवाद खड़ा किया था कि मंदिरों से रोजगार नहीं मिलता।

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