लोकसभा चुनाव के प्रचार को लेकर चुनावी रैलियां शुरू हो चुकी हैं और सभी बड़े राजनीतिक दल अपने इस मुहिम में जुट गए हैं. आज यानि गुरुवार को कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी पंजाब सरकार द्वारा आयोजित मोगा रैली में शामिल होंगे, रैली शुरु होने से पहले ही इस पर विवाद खड़ा हो गया है. क्योकि रैली के लिए जो मैदान तैयार किया गया है वो कम से कम 100 एकड़ गेहूं की तैयार फसल को काट कर बनाया गया है
बता दें कि मोगा के किल्ली चहल जहां पर इस रैली का आयोजन किया जा रहा है, वहां करीब 100 एकड़ गेहूं की तैयार फसल को काट दिया गया है. हालांकि स्थानीय प्रशासन की ओर से किसानों को मुआवजा दे दिया गया है. प्रशासन ने 40,000 प्रति एकड़ के हिसाब से मुआवजा किसानों को दिया है जबकि किसान 50,000 प्रति एकड़ का मुआवजा मांग रहे थे.
हालांकि इस रैली को लेकर बड़ा सवाल यह उठ रहा है कि एक सरकारी कार्यक्रम जिसका आयोजन किसी और जगह पर कराया जा सकता था, उसके लिए तैयार खड़ी फसल को काटना क्यों जरुरी था. प्रशासन की ओर से करीब 100 एकड़ जमीन पर खड़ी फसल हटाने के एवज में बतौर मुआवजा 40 लाख रुपये सरकारी फंड से दिया जा रहा है.
कांग्रेस का एजेंडा लोकसभा चुनाव को लेकर ‘मिशन 13’ यानि पंजाब की सभी 13 लोकसभा सीटों पर जीतने का है और पार्टी इस रैली के जरिए अपने मिशन को आगे बढ़ाना चाहती है.
रैली स्थल पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को ‘चौकीदार ही चोर है’ और राफेल डील में 30 हजार करोड़ के घोटालों के आरोपों से भरे ढेरों पोस्टरों लगाए गए हैं. इन पोस्टर्स के जरिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को टारगेट किया गया है.
पंजाब सरकार के कैबिनेट मंत्री सुखजिंदर सिंह रंधावा का कहना है कि यह कार्यक्रम सरकारी है और पंजाब सरकार को भी हक बनता है कि वो देश के प्रधानमंत्री से सवाल करे कि उनके रक्षा मंत्रालय से राफेल डील से जुड़ी फाइलें आखिरकार कैसे चोरी हो गईं. उन्होंने कहा कि मोगा रैली के लिए किसानों से लिए गए 100 एकड़ जमीन लेकर का मुआवजा किसानों को दे दिया गया है और इस पर अब किसी तरह का कोई विवाद नहीं है. सुखजिंदर रंधावा ने कहा कि अगर बीजेपी का राष्ट्रीय अध्यक्ष केंद्र सरकार के कार्यक्रमों के मंच से राजनीतिक भाषण दे सकता है तो हमारी पार्टी का अध्यक्ष क्यों नहीं?