पटना रेलवे स्टेशन का एक कुली है जो अपने साथ दो बॉडीगार्ड लेकर कुली का काम करता हैं।पटना में जंक्शन पर लोगों का बोझ उठाने वाले इस कुली का नाम धर्मा यादव है। धर्मा का ताल्लुक भोजपुर जिले से है और वह 1989 से पटना जंक्शन पर कुली का काम कर रहा है। धर्मा कुली माथे पर यात्रियों का सामान लेकर चलता है तो उसके आगे-पीछे, दो बॉडीगार्ड तैनात रहते हैं। ऐसे में आपके मन में सवाल उठ रहा होगा कि रोज 500 रुपये कमाने वाला ठीक से घर-परिवार नहीं चला पता है, बच्चों की पढाई-लिखाई कराने में उसे परेशानी होती है तो यह कुली दो-दो बॉडीगार्ड कैसे मेंटेन करता है?
दरअसल बात उस समय की है जब वर्ष 2013 में 27 अक्टूबर को पटना में कई जगहों पर बम विस्फोट हुआ था। उस समय गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी पटना के गांधी मैदान में जन सभा को संबोधित करने आये थे। इस सभा में भी कई बम फूटे। लेकिन सभा स्थल गांधी मैदान में विस्फोट होने से पहले पटना जंक्शन के प्लेटफार्म पर 10 पर बम फटा था। इस विस्फोट में एक शख्स की जान भी चली गई थी।
इसी दौरान मौके पर मौजूद धर्मा यादव ने हिम्मत दिखाते हुए भागते आतंकी इम्तियाज को पकड़ लिया। जिस वक्त धर्मा यादव ने आतंकी इम्तियाज को पकड़ा था, उस वक्त उस आतंकी ने अपने कमर में बम बांधे हुए था। इसके बाद जब उस आतंकी से पूछताछ शुरू हुई उसी समय मोदी के सभा के दौरान गांधी मैदान में विस्फोट शुरू हो गया।
अगर धर्मा उस दिन आतंकी इम्तियाज को नहीं पकड़ता तो काफी लोगों की जान जा सकती थी। पटना जंक्शन से सटे महावीर मंदिर में हमेशा हजारों भक्तों का जमावड़ा लगा रहता है। वहां भी लाशों की ढेर लग जाती। लेकिन धर्मा ने उस दिन बहुतों का जान बचा लिया।
इस आतंकी घटना की जांच एनआईए को सौंपी गई। इसी दौरान धर्मा कुली चश्मदीद गवाह बना। जांच के दौरान 9 आंतकी पकड़े गए। धर्मा कुली ने इस घटना के दौरान जो बहादुरी दिखाई, एक आतंकी को जिंदा पकड़वाया, उस कारण उन्हें आतंकियों से धमकी मिली। इस घटना के तीन वर्ष बाद 2016 में उनकी सुरक्षा के लिए रेलवे ने जीआरपी के एक जवान को बॉडीगार्ड के रूप में तैनात कर दिया। फिर इसी साल 2023 में बिहार सरकार ने धर्मा को बिहार पुलिस के एक जवान को बॉडीगार्ड के रूप में दे दिया।