नई दिल्ली, राजसत्ता एक्सप्रेस। जालसाजों ने कोरोना महामारी को भी कमाई का जरिया बना लिया है। फर्जी कोरोना निगेटिव सर्टिफिकेट बनाकर लोगों से मोटी कीमत वसूली जा रही है। कोरोना निगेटिव सर्टिफिकेट से जुड़ा एक सनसनीखेज मामला कर्नाटक में सामने आया है। बता दें कि दूसरे राज्यों से कर्नाटक लौट रहे लोगों को इंस्टिट्यूशनल क्वारंटीन किया जा रहा है। इसके लिए होटलों को भी क्वारंटीन सेंटर बनाया गया है। होटलों में किराया देकर क्वारंटीन रहा जा सकता है। कर्नाटक की राजधानी बेंगलुरु के एक क्वारंटीन सेंटर में कोरोना निगेटिव सर्टिफिकेट बनाने का भंडफोड़ हुआ है।
मामला कुछ यूं है कि दिल्ली से लौटे एक बुजुर्ग दंपती को गांधीनगर के एक प्राइवेट होटल में क्वारंटीन किया गया था। इस होटल में दंपती के अलावा 70 और लोग क्वारंटीन हैं। होटल स्टाफ के 20 लोग भी वहीं रहते हैं। बीबीएमपी के एक स्वास्थ्य अधिकारी ने बताया कि कृष्णे गौड़ा नाम का एक शख्स बुजुर्ग दंपती को होटल में मिल गया। उसने दोनों से पूछा कि वे लोग कितने दिनों से क्वारंटीन हैं।
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ऐसे पकड़ा गया जालसाज
दंपती को कुछ गलत लगा तो उन्होंने चालाकी से अपने-अपने फोन का रिकॉर्डर ऑन कर लिया। उन्होंने गौड़ा को बताया कि उन लोगों ने 14 दिन के इंस्टिट्यूशनल क्वारंटीन के लिए 19 हजार 600 रुपये दिए हैं। वहीं, 4 हजार प्रति व्यक्ति कोविड-19 टेस्ट के लिए भी भुगतान किया है। इस पर गौड़ा ने उनसे कहा कि अगर वे लोग उसे 25 हजार रुपये देंगे तो वह उन्हें क्वारंटीन से छुड़ा ले जाएगा। इतना ही नहीं, उसने कहा कि वह उन दोनों को कोविड-19 निगेटिव का सर्टिफिकेट भी देगा, जिससे वे लोग आसानी से अपने घर जा सकेंगे।
अधिकारी ने बताया कि इसके बाद दंपती ने तुरंत बीबीएमपी मेडिकल ऑफिसर डॉ. नंदा को फोन किया और उन्हें सारी बात बताई। उन्होंने गौड़ा से बातचीत की रिकॉर्डिंग भी उन्हें दे दी। इसके बाद उन्होंने तुरंत गौड़ा के खिलाफ केस दर्ज कराया और उसे गिरफ्तार भी कर लिया गया है।