लखनऊ: कोरोना के कहर को थामने के लिए सीएम योगी आदित्यनाथ ने पूरी सरकारी मशीनरी को झोंक दिया है. उनकी सबसे बड़ी चिंता ग्रामीण इलाकों को इस महामारी से बचाना है क्योंकि अगर एक बार कोरोना ने गांवों को अपनी चपेट में लिया तो फिर मामला आउट ऑफ कंट्रोल हो सकता है. मुख्यमंत्री खुद राज्य के दौरे पर हैं. वे अलग-अलग जिलों में जाकर वहां अस्पतालों का निरीक्षण कर रहे हैं. कोविड सेंटर जाकर इंतजाम देख रहे हैं. गांवों में जाकर होम आइसोलेशन में रह रहे कोविड मरीजों से मुलाकात कर रहे हैं. रविवार को वे गाजियाबाद, नोएडा और मेरठ का दौरा करेंगे.
यूपी में आठ महीने बाद विधानसभा के चुनाव हैं. कोरोना की दूसरी लहर में लोगों को ऑक्सीजन से लेकर अस्पताल में बेड के लिए बहुत परेशानी झेलनी पड़ी. सीएम योगी आदित्यनाथ खुद कोरोना पॉजिटिव हो गए थे. निगेटिव होने के बाद से वे सरकारी मशीनरी को दुरुस्त करने में जुटे हैं. इसी कड़ी में आज एक बड़ा फैसला करते हुए योगी ने सभी जिलों में नोडल अफसरों को तैनात कर दिया है. ये अधिकारी अपने-अपने जिलों में हफ्ते भर रहेंगे. वहां की पूरी रिपोर्ट लेने के बाद वे इसे सीएम ऑफिस को भेजेंगे.
यूपी के 59 सीनियर आईएएस अफसरों की 75 जिलों में ड्यूटी लगाई गई है. इनमें एडिशनल चीफ सेक्रेटरी रैंक से लेकर सचिव रैंक के अधिकारी शामिल हैं. कुछ अधिकारियों को तो एक साथ तीन-तीन जिलों की जिम्मेदारी दी गई हैं. इन सबको आज ही हर हाल में अपने-अपने जिलों में काम संभालने का आदेश दिया गया है. जिन आईएएस अफसरों को नोडल अधिकारी बनाया गया है, वे अपने-अपने इलाकों में कोरोना से निपटने का इंतजाम देखेंगे. वे छह प्रमुख बातों का ख्यान रखेंगे.
ग्रामीण और शहरी इलाकों में निगरानी का काम कैसा है? मेडिकल टीम घरों तक पहुंच रही है या नहीं. निगरानी कमेटी डोर टू डोर स्क्रीनिंग करेगी. कोविड का लक्षण पाए जाने पर एंटिजेन टेस्ट होगा. रिपोर्ट पॉजिटिव आने पर उन्हें आइसोलेट किया जाएगा. तबीयत बिगड़ने पर अस्पताल ले जाने की व्यवस्था की जाएगी.