प्राइवेट लैब्स में भी मुफ्त में हो कोरोना का टेस्ट- सुप्रीम कोर्ट

देशभर में कोरोना वायरस का खतरा लगातार बढ़ता जा रहा हैं। इस बीच कोरोना वायरस की महामारी को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से कहा है कि देश में कोरोना वायरस के संक्रमण की जांच मुफ्त में कराने की व्यवस्था करायें।

कोरोना वायरस महामारी को लेकर सुप्रीम कोर्ट में सॉलिसिटर जनरल (Solicitor General) तुषार मेहता (Tushar Mehta) ने भारत सरकार द्वारा उठाए जा रहे कदमों के बारे में जानकारी दी। उन्होंने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि सरकार महामारी के प्रसार को रोकने के लिए अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन कर रही है। सुप्रीम कोर्ट ने सरकार को सुझाव देते हुए कोरोना वायरस की जांच मुफ्त में कराने की व्यवस्था कराने को कहा है।

सुप्रीम कोर्ट ने सॉलीसिटर जनरल तुषार मेहता से कहा कि “प्राइवेट लैब्स को कोरोना जांच के लिए ज्यादा चार्ज वसूलने ना दें। आप एक ऐसा प्रभावशाली तंत्र बना सकते हैं जिससे कि टेस्ट के खर्चे को रीम्बर्स किया जा सके”। तुषार मेहता ने सुप्रीम कोर्ट को सरकार की तरफ से भरोसा दिया है कि वो इस बारे में विचार करेंगे।

कोरोना मामले की सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने कहा, “कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण के बीच डॉक्टर और मेडिकल स्टाफ की सुरक्षा अहम मसला है। कोरोना से जंग में ये अहम योद्धा हैं और उनके साथ ही उनके परिवार की सुरक्षा भी बेहद जरूरी है”।

केंद्र सरकार की तरफ से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने बताया कि केंद्र सरकार कोरोना के बढ़ते संक्रमण से निपटने के लिए अहम कदम उठा रही है। उन्होंने बताया कि पीपीई किट का इंतजाम भी तेजी से किया जा रहा है। इसके अलावा कोरोना वायरस के पॉजिटिव लोग किसी को प्रभावित न करें, इसका भी ख्याल रखा जा रहा है। मेहता ने डॉक्टरों के वेतन से पैसे काटने की बात को गलत बताते हुए कहा कि केंद्र सरकार ने सभी राज्य सरकारों एवं निजी डॉक्टर के वेतन में किसी भी प्रकार की कटौती करने को नहीं कहा है।

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