नई दिल्ली, राजसत्ता एक्सप्रेस। भारत में लगातार बढ़ते कोरोना वायरस के मामलों में सभी की चिंता बढ़ा दी है। अभी तक तो खांसी-जुखाम, सीने में दर्द जैसी परेशानियों को कोरोना के लक्षण कहा जा रहा था, लेकिन अब ये बात सामने आई है कि कोरोना बहुरूपिया है, यानी वो अपने लक्षणों में बदलाव कर रहा है। ये चौंकाने वाली बात दिल्ली के 186 मरीजों के इलाज के दौरान सामने आई। इन सभी मरीजों में कोरोना का एक भी लक्षण नहीं दिखाई दे रहा था, लेकिन ये सभी कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं। इस चौंकाने वाले खुलासे ने सरकारों की चिंता और बढ़ा दी है।
1- लक्षण नहीं, तो फिर कोरोना कैसे
दरअसल, 736 नमूनों की जांच की गई, इस दौरान ऐसे 186 लोगों में वायरस की पुष्टि हुई है, जिनमें संक्रमण के कोई भी लक्षण पाए नहीं गए थे। वो सामान्य तौर पर ही जीवन जी रहे थे। परिवार एक-दूसरे से घुल-मिल भी रहा था।
ये चौकाने वाला खुलासा खुद दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने किया है। उन्होंने खुद बताया कि इनमें शामिल एक व्यक्ति तो सरकारी केंद्र पर खाना वितरण का काम कर रहा था। इसके कोरोना संक्रमित होने की बात सामने आने के बाद इसके संपर्क में आए सभी लोगों की पहचान की जा रही है। जिससे की उनकी भी कोरोना जांच कराई जा सके।
2- महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री ने भी ऐसे 70 फीसदी केस का किया दावा
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे का भी कहना है कि अभी तक जो भी मरीज सामने आये हैं, उनमें से 70 फीसदी को तो मालूम ही नहीं था कि वो कोरोना संक्रमित हैं। जिसमें 52 फीसदी लोगों की हालत गंभीर है।
दुबई से लौटने वाले केरल के एक मरीज को भी 29वें दिन आइसोलेशन में वायरस होने की पुष्टि हुई।
आंध्र प्रदेश में भी 14 लोगों में कोरोना के एक भी लक्षण नहीं थे, फिर भी वो कोविड-19 पॉजिटिव पाए गए हैं।
3- यूपी और राजस्थान में 60 फीसदी से ज्यादा संक्रमित 40 की उम्र के
दुनियाभर में कोरोना संक्रमण की सबसे ज्यादा मार बुर्जुग झेल रहे हैं। जहां उत्तर प्रदेश और राजस्थान में भी 60 फीसदी से ज्यादा मरीज 40 तक की उम्र के बताए जा रहे हैं। जहां यूपी में इसका प्रतिशत 65.8 है, जबकि राजस्थान की बात करें तो, वहां 1351 मरीजों में से 826 यानी 62 फीसदी 40 की उम्र के हैं।
यूपी में किस उम्र के कितने मरीज
0-20 साल की उम्र के 18.5 फीसदी मरीज
21-40 की उम्र के 47.3 फीसदी मरीज
41-60 साल के 24.7 फीसदी मरीज
60 साल से अधिक की उम्र के केवल 9 फीसदी मरीज
राजस्थान में 20-30 साल के बीच 22 फीसदी संक्रमित मरीज पाए गए हैं।
बिना लक्षण वाले मरीजों की संख्या ज्यादा नहीं
हालांकि, गनीमत ये है कि कोरोना के लक्षण न पाए जाने वाले मरीजों की संख्या ज्यादा नहीं है। इसकी जानकारी खुद केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने दी है। उन्होंने कहा कि सभी को सावधान और सतर्क रहने की आवश्यकता है। बिना लक्षण वाले मरीजों के सैंपल भी जांच के लिए भेजे जाएंगे, उनको भी निगरानी में रखा जाएगा।