लखनऊ: यूपी में स्पेशल कोर्ट ने राजनीतिक दलों के पांच नेताओं को भगोड़ा घोषित किया है। ताजा जानकारी के मुताबिक एमपी-एमएलए स्पेशल कोर्ट के जज पवन कुमार राय ने कांग्रेस नेता नसीमुद्दीन सिद्दीकी (Naseemuddin Siddiqui ), बीएसपी नेता राम अचल राजभर (Ram Achal Rajbhar), नौशाद अली समेत मेवा लाल गौतम और अतर सिंह राव को भगोड़ा घोषित किया है। इतना ही नहीं कोर्ट ने इन सभी आरोपियों के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट भी जारी किया है। दरअसल बीते दो साल पहले यानी 12 जनवरी 2018 को इन सभी आरोपियों के खिलाफ आईपीसी की धारा 506, 507, 153a,149 और पॉक्सो एक्ट के तहत चार्जशीट दाखिल हुई थी। आरोप है कि इसके बाद से ये सभी आरोपी न कोर्ट में पेश हुए और न ही जमानत करवाई।
यह भी पढ़ें: उद्धव सरकार की इजाजत के बिना महाराष्ट्र में CBI की एंट्री हुई बैन
नेताओं पर गलत बयानबाजी का आरोप
जानकारी के अनुसार इस सभी नेताओं पर मंत्री स्वाति सिंह और बीजेपी नेता दयाशंकर सिंह की बेटी और परिवार की महिलाओं पर अमर्यादित टिप्पणी का आरोप है। इस मामले से जुड़ी एक एफआईआर हजरतगंज कोतवाली में दर्ज हुई थी। इससे पहले इस मामले में जमानत हाजिरी माफ़ी की अर्जी न देने पर विशेष कोर्ट के विशेष न्यायाधीश पवन कुमार राय ने नसीमुद्दीन सिद्दीकी, रामअचल राजभर, अतर सिंह, मेवालाल गौतम और नौशाद अली के खिलाफ ग़ैरज़मानती वारंट जारी किया था। हालांकि इस विवाद के वक्त सिद्दीकी बसपा में थे जो बाद में कांग्रेस में शामिल हो गए।
क्या है पूरा मामला ?
दरअसल ये पूरा मामला करीब चार पहले का है जब स्वाति सिंह की सास तेतरा देवी ने 22 जुलाई 2016 को हज़रतगंज थाने में एफआईआर दर्ज कराई थी। उनके मुताबिक, राज्यसभा में बसपा सुप्रीमो मायावती ने उन्हें उनकी बेटी, बहू, नातिन समेत महिलाओं को पूरे सदन में गालियां दीं। 21 जुलाई को मायावती के बुलाने पर नसीमुद्दीन सिद्दीकी, रामअचल राजभर, मेवालाल आदि की अगुवाई में भीड़ इकट्ठा हुई और भीड़ ने उनके बेटे को फांसी देने की मांग के साथ ही परिवार की महिलाओं को गालियां दीं और अमर्यादित नारे लगाए थे। हालांकि इससे पहले बीजेपी नेता दया शंकर सिंह ने मायावती को लेकर भी एक अमार्यादित टिप्पणी की थी जिसके बाद ही ये पूरा बवाल पैदा हुआ। बसपा के वरिष्ठ नेताओं ने दया शंकर सिंह की गिरफ़्तारी को लेकर हजरतगंज में जमकर प्रदर्शन किया था और इस प्रदर्शन में दया शंकर सिंह की पत्नी, बेटी और मां को खुले मंच से अमर्यादित नारे भी लगाए थे।