राष्ट्रीय राजधानी की एक अदालत ने मंगलवार को कश्मीरी नेता शेख अब्दुल रशीद को पांच जुलाई को लोकसभा सदस्य के रूप में शपथ लेने के लिए दो घंटे की पैरोल प्रदान की, जिस दौरान उनके साथ पुलिसकर्मी भी होंगे। रशीद, ‘इंजीनियर रशीद’ के नाम से भी जाने जाते हैं। वह हाल में हुए लोकसभा चुनाव में नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता उमर अब्दुल्ला को हराकर बारामूला सीट से निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर चुने गए थे। उन्हें 2017 में जम्मू-कश्मीर में आतंक के वित्तपोषण के मामले में गिरफ्तार किया गया था।
5 जुलाई को दो घंटे की सशर्त पैरोल मिली
रशीद ने शपथ लेने और अपने संसदीय कार्य करने के लिए अंतरिम जमानत या वैकल्पिक तौर पर हिरासत में पैरोल देने का अनुरोध करते हुए अदालत का दरवाजा खटखटाया था। अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश चंद्रजीत सिंह ने रशीद को शपथ लेने के लिए 5 जुलाई को दो घंटे की सशर्त पैरोल प्रदान की, जिस दौरान उनके साथ पुलिसकर्मी भी होंगे। दो घंटे के निर्धारित समय में यात्रा का समय शामिल नहीं है।
पैरोल के दौरान नहीं कर सकते फोन और इंटरनेट का उपयोग
अदालत ने रशीद की पत्नी और बच्चों को पहचान पत्र दिखाने पर शपथ ग्रहण के दौरान मौजूद रहने की अनुमति दी। अदालत ने पैरोल के दौरान रशीद को फोन और इंटरनेट का उपयोग नहीं करने को कहा है। इसने यह भी कहा कि रशीद किसी भी मुद्दे पर मीडिया से बात नहीं करेंगे या उन्हें संबोधित नहीं करेंगे, न ही वह संबंधित अधिकारियों के अलावा किसी और से बातचीत करेंगे। अदालत ने कहा कि उनके परिवार को शपथ ग्रहण कार्यक्रम की तस्वीरें नहीं लेने और उन्हें सोशल मीडिया पर पोस्ट नहीं करने का निर्देश दिया गया है।
शपथ लेने पर NIA ने जताई सहमति
सोमवार को, राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (NIA) के वकील ने रशीद की याचिका का विरोध नहीं किया और कहा कि उनका शपथ ग्रहण कुछ शर्तों के तहत होना चाहिए, जैसे कि वह मीडिया से बात नहीं करें और एक दिन के भीतर सभी औपचारिकताएं पूरी की जाएं। रशीद अभी तिहाड़ जेल में हैं।