कोविशील्ड से कब-कब हो सकती है ब्लड क्लॉटिंग? दूर कर लें भ्रम

कोरोना से जंग के खिलाफ वैक्सीन बनाने वाली ग्लोबल फार्मास्युटिकल एस्ट्राजेनेका ने बड़ा दावा किया है. एस्ट्राजेनेका ने कहा कि AZD1222 वैक्सीन, जिसे भारत में कोविशील्ड के रूप में लाइसेंस के तहत बनाया गया था, बहुत दुर्लभ मामलों में कम प्लेटलेट काउंट और खून के थक्के बनने का कारण बन सकता है. हालांकि, एस्ट्राजेनेका ने वैक्सीन और थ्रोम्बोसिस के बीच थ्रोम्बोसाइटोपेनिया सिंड्रोम (TTS) के साथ रिलेशन को स्वीकार किया है. TTS एक मेडिकल कंडीशन है, जिसमें असामान्य रूप से प्लेटलेट्स का स्तर कम होता है और खून के थक्के बनते हैं.

कोविशील्ड के निर्माण के लिए कोरोनोवायरस महामारी के दौरान एस्ट्राजेनेका के वैक्सीन फॉर्मूले को पुणे स्थित वैक्सीन निर्माता सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (SII) को लाइसेंस दिया गया था. भारत में कोविशील्ड की 175 करोड़ से ज्यादा खुराकें लगाई जा चुकी हैं. अब सवाल ये है कि क्या कोरोना वैक्सीन बनाने वाली कंपनी एस्ट्राज़ेनेका को सफाई देने के लिए प्रेरित किया गया? आपको कोरोना वैक्सीन और टीटीएस के बारे में क्या पता है? क्या कोविशील्ड शॉट्स लेने वाले भारतीयों को चिंता करने की जरूरत है? आइए, इन सवालों का जवाब जानते हैं.

यूनाइटेड किंगडम में कंपनी के खिलाफ लाए गए एक मुकदमे के बाद एस्ट्राजेनेका ने अदालती दस्तावेजों में TTS के बारे में बात की. कंपनी पर उस वैक्सीन से संबंधित स्वास्थ्य संबंधी दावों को लेकर मुकदमा किया जा रहा है, जिसे उसने 2020 में कोरोना महामारी के बीच ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी के सहयोग से विकसित किया था.

यूके स्थित मीडिया संगठन द टेलीग्राफ की हाल ही में रिपोर्ट आई थी, जिसमें कहा गया था कि पिछले साल जेमी स्कॉट की ओर से एक मामला दर्ज कराया गया था. शिकायत के मुताबिक, दो बच्चों के पिता जेमी स्कॉट ने अप्रैल 2021 में कोविशील्ड की डोज ली थी, जिसे बाद में कई परेशानियों का सामना करना पड़ा.

रिपोर्ट में कहा गया है कि कंपनी के खिलाफ कुल 51 मामले सामने आए हैं, जिसमें पीड़ितों और उनके रिश्तेदारों ने 100 मिलियन पाउंड तक के हर्जाने की मांग की है. इस साल फरवरी में एस्ट्राज़ेनेका ने इस बात से इनकार किया कि वैक्सीन के कारण टीटीएस होता है. हालांकि, कंपनी की ओर से दुर्लभ मामले में टीटीएस की संभावनाओं को स्वीकार भी किया.

टीटीएस के लक्षण क्या हैं?

टीटीएस के पीड़ितों में दिखने वाले लक्षण में सांस फूलना, छाती या अंगों में दर्द, सुई के आकार के लाल धब्बे, सिरदर्द, शरीर के अंगों का सुन्न होना आदि शामिल है. टीटीएस का मतलब खून के थक्के जमने के कारण उसके प्रवाह में रुकावट है. जॉन्स हॉपकिन्स मेडिसिन की वेबसाइट के मुताबिक, थ्रोम्बोसिस नसों में खून के प्रवाह को रोक देता है. इससे होने वाली सबसे गंभीर समस्याओं में स्ट्रोक, दिल का दौरा और सांस लेने की दिक्कत शामिल है.

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