नई दिल्ली, राजसत्ता एक्सप्रेस। चक्रवाती तूफान ‘अम्फान’ जैसै-जैसे मजबूत हो रहा वैसे-वैसे देश के तटीय इलाकों में खौफ का माहौल बढ़ता जा रहा है। तूफान की भयावहता को देखते हुए मौसम विभाग और एनडीआरएफ पहले से ही अलर्ट थे। मौसम विभाग, एनडीआरएफ और मंत्रालयों की प्रेस कॉन्फ्रेंस में इससे संबंधित सारी जानकारियां दी गईं। मौसम विभाग के डीजी ने बताया कि तूफान की गति 110 किमी प्रति घंटा के आसपास रह सकती है। इससे बड़े नुकसान की भी आशंका है। मौसम विभाग की तरफ से बताया गया कि सड़कों, पेड़ों और कच्चे मकानों को ज्यादा नुकसान हो सकता है।
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Super Cyclone #Amphan is crossing West Bengal Coast between Digha&Hatiya close to Sunderban. The forward sector of wall clouds has entered into the land. Landfall process will continue and take 2-3 hours to complete: IMD in a bulletin issued at 4:30 pm; Visuals from Digha pic.twitter.com/DfSq4kVC17
— ANI (@ANI) May 20, 2020
एनडीआरएफ ने बताया कि लैंडफाल के बाद उनकी टीमों का असली काम शुरू होता है। पश्चिम बंगाल में तूफान दस्तक दे चुका है और एनडीआरएफ की टीमें अपने काम में लगी हैं। उन्होंने कहा, ‘पश्चिम बंगाल में सुपर साइक्लोन अम्फान का लैंडफाल शुरू हो गया है। हमारी नजर लगातार इस पर बनी हुई है। अम्फान तटों से टकराने लगा है और एनडीआरएफ की बटालियन तैयार हैं। हमारे पास आधुनिक उपकरण हैं। हमारी 24 टीमें एयरलिफ्ट के लिए तैयार हैं। एनडीआरफ ने पश्चिम बंगाल से 5 लाख और ओडिशा से 1.5 लाख लोगों को सुरक्षित निकाला है।
#CycloneAmphan landfall in #WestBengal's #Sundarbans @BSF_India pic.twitter.com/TjTyQAP0g0
— DD News (@DDNewslive) May 20, 2020
अम्फान का नामकरण
मौसम विभाग का अनुमान है कि यह तूफान भारी तबाही मचा सकता है। आइए हम आपको बताते हैं कि इस तूफान का नाम ‘अम्फान’ क्यों रखा गया। ..दरअसल तूफानों का नाम रखने की जिम्मेदारी मौसम विभाग की ही होती है। जहां से तूफान शुरू होता है, वहीं के मौसम विभाग इसका नामकरण करते हैं। बंगाल की खाड़ी और अरब सागर में उठने वाले तूफानों के नाम की जिम्मेदारी भारत की ही है।
हिंद महासागर क्षेत्र के आठ देशों ने भारत की पहल पर इन तूफानों के नामकरण की व्यवस्था 2004 में शुरू की। इन आठ देशों में बांग्लादेश, भारत, मालदीव, म्यांमार, ओमान, पाकिस्तान, थाईलैंड और श्रीलंका शामिल हैं। साल 2018 में ईरान, कतर, सउदी अरब, यूएई और यमन को भी जोड़ा गया।
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अब आते हैं ‘अम्फान’ पर। तूफान का यह नाम थाईलैंड ने दिया है। यह 2004 में सुझाए गए 64 तूफानों के नामों की मूल सूची में आखिरी नाम है। मौसम विभाग ने तूफानों के लिए 169 नाम पिछले महीने फाइनल किए हैं। इसमें सभी 13 देशों से 13 नाम शामिल हैं। आने वाले वक्त में बंगाल की खाड़ी और अरब सागर में उठने वाले तूफानों को दिए जा सकते हैं। तूफानों के नाम रखने की मुख्य वजह है कि इनको लेकर आम लोग और वैज्ञानिक स्पष्ट रह सकें। काफी चर्चा में रहे तूफान हेलेन का नाम बांग्लादेश ने, नानुक का म्यांमार ने, हुदहुद का ओमान ने, निलोफर और वरदा का पाकिस्तान ने, मेकुनु का मालदीव ने और हाल में बंगाल की खाड़ी से चले तूफान तितली का नाम पाकिस्तान ने रखा है।