दहल गया श्रीलंका, अब तक किसी ने नहीं ली हमले की जिम्मेदारी

कोलंबो: श्रीलंका की राजधानी कोलंबो में रविवार सुबह ईस्टर के मौके पर आठ स्थानों पर किए गए आत्मघाती बम विस्फोट में कम से कम 160 लोगों की जान चली गई। इन धमाकों से 300 से ज्यादा लोग जख्मी हैं। आत्मघाती हमलावरों ने तीन गिरजाघरों और पांच होटलों को निशाना बनाया। एक विस्‍फोट कोच्चिकाडे स्थित सेंट एंथोनी चर्च और दूसरा नेगोम्‍बो कतुवापिटिया सेंट सबास्टियन चर्च में हुआ है। किंग्‍सबरी होटल, शांगरीला होटल और बट्टिकलोवा में भी बम धमाके हुए हैं। सोशल मिडिया पर अस्थाई तौर पर बैन व शाम छह बजे से सुबह छह बजे तक कर्फ्यू लगा दिया गया है। धमाकों में 30 विदेशी नागरिकों के मारे जाने और घायल होने की भी सूचना है।

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धमाकों के बाद राजधानी की सुरक्षा बढ़ा दी गई है। घटनास्थल पर राहत और बचाव कार्य जारी है। इन विस्फोटों की अब तक किसी ने जिम्मेदारी नहीं ली है। श्रीलंका के वित्तमंत्री मंगला समरवीरा ने ट्वीट किया है कि चर्चों और होटलों में ईस्टर संडे बम धमाकों में निर्दोष लोग मारे गए हैं और ऐसा लगता है कि हत्या, अफरातफरी और अराजकता फैलाने के लिए इसे बहुत व्यस्थित तरीके से अंजाम दिया गया है। इस बीच श्रीलंका के प्रधानमंत्री विक्रमसिंघे ने आपात बैठक बुलाई है।

श्रीलंका के पूर्व राष्ट्रपति और विपक्षी नेता महिंदा राजपक्षे ने धमाकों की निंदा करते हुए इसे अमानवीय करार दिया है। भारत की विदेशमंत्री सुषमा स्वराज ने ट्वीट किया है, मैं कोलंबो में भारतीय उच्चायुक्त से लगातार संपर्क में हूं। स्थितियों पर हम करीब से नजर रखे हुए हैं।भारतीयों के लिए हेल्पलाइन नंबर 94112422788/94112422789 जारी किया गया है। इस बीच पुलिस की छुट्टियां रद्द कर दी गई हैं और उन्हें काम पर लौटने को कहा गया है। स्कूल-कालेज में भी दो दिन की छुट्टियां की गईं हैं।

इससे पहले भी दहल चुका है श्रीलंका

इससे पहले श्रीलंका में अधिकतर धमाके तमिल आतंकी संगठन लिबरेशन टाइगर्स ऑफ तमिल ईलम (लिट्टे) ने किए हैं। वेलुपिल्लई प्रभाकरन ने मई 1976 में लिट्टे की स्थापना की थी।

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लिट्टे ने 1987 में किया था पहला आत्मघाती हमला

लिट्टे ने पहली बार आत्मघाती बम विस्फोट 1987 में किया था। लिट्टे के कैप्टन मिलर ने श्रीलंकाई सेना के शिविर में विस्फोटकों से लदे एक ट्रक को उड़ा दिया था। इसमें 40 सैनिक मारे गए थे।

11 जून 1990ः लिट्टे ने ईस्टर्न प्रोविएंस में धमाका किया। इसमें 600 से अधिक लोग मारे गए।

1996 में संघर्षः इस साल उत्तरी श्रीलंका में लिट्टे और सेना के बीच संघर्ष हुआ। 18 जुलाई 1996 से 25 जुलाई 1996 के मध्य हुए संघर्ष में हजारों लोगों की जान गई। हालांकि सरकार ने इस अवधि में सिर्फ 207 लोगों के मरने का दावा किया।

15 अक्टूबर 1997ः कोलंबो के वर्ड ट्रेंड सेंटर में विस्फोट में 17 लोगों की जान गई।

1998ः लिट्टे ने श्रीलंका के कैंडी में टूथ रेलिक के बौद्ध मंदिर को निशाना बनाया। हमले में 17 लोगों की जान गई। यहां बुद्ध के दांत के अवशेष हैं। इस स्थान को यूनेस्को ने विश्व धरोहर में शामिल किया है।

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