उत्तर प्रदेश और केंद्र में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी के विधान परिषद सदस्य बुक्कल नवाब की गुरुवार को भगवान हनुमान पर की गई विवादित टिप्पणी की देवबंद के उलेमाओं ने निंदा की है.
दारूल उलूम की ओर से कहा गया है कि जिस बात का कोई प्रमाण न हो उसके बारे में बात नहीं की जानी चाहिए.
दारूल उलूम के ऑनलाइन फतवा प्रभारी मुफ्ती अरशह फारूकी ने कहा, ‘बिना किसी जानकारी के कोई बात नहीं कहनी चाहिए और किसी बात को कहने से पहले पढ़ना और उसकी तहकीकात जरूरी होती है ।’ मामले में देवबंद के उलेमा कारी इसहाक गोरा ने कहा, ‘किसी भी इस्लामिक किताब में यह नहीं लिखा है कि हनुमान जी मुसलमान थे। जिस बात का कोई प्रमाण न हो उस बारे मे बुक्कल नबाव को बात नहीं करनी चाहिए।’
गोरा ने कहा, ‘बुक्कल नवाब जैसे लोग शोहरत बटोरने के लिए बयानबाजी करते हैं. बुक्कल को हिंदुओं और मुसलमानों दोनों से अपने इस बयान के लिये माफी मांगनी चाहिए। वहीं सरकार को चाहिए कि ऐसे बेतुके बयान देने वालो पर अंकुश लगाए।
गौरतलब है कि गुरुवार को बुक्कल नबाव ने कहा था, ‘हनुमान जी मुसलमान थे।’ साथ ही यह भी दलील दी थी कि मुसलमानों के नाम भी हनुमान के नाम से जुड़े हैं, जैसे- रहमान, सुल्तान, जिशान, रिहान, इमरान आदि…