नई दिल्ली: दिल्ली की साकेत कोर्ट के सेशंस कोर्ट ने दाती महाराज के खिलाफ रेप के मामले की सुनवाई करते हुए सीबीआई को अब तक की जांच की स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया है। कोर्ट ने मामले के जांच अधिकारी को 23 अप्रैल तक स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया। सुनवाई के दौरान पीड़िता की ओर से जांच की स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करने की मांग की, जिसके बाद कोर्ट ने यह आदेश दिया।
पिछले 23 जनवरी को सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कहा था कि हाईकोर्ट ने तीन अक्टूबर,2018 को सीबीआई जांच का आदेश दिया था। जांच पूरी कर तीन महीने में स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करनी थी। सीबीआई ने तो दाती महाराज को पूछताछ के लिए हिरासत में लेने के लिए कोई याचिका भी दायर नहीं की है।
दाती महाराज को 22 जनवरी को कोर्ट ने कुछ शर्तों के साथ जमानत दे दी थी। कोर्ट ने दाती महाराज और उसके तीन भाइयों को एक-एक लाख रुपये के मुचलके पर जमानत दी थी। कोर्ट ने निर्देश दिया था कि दाती महाराज किसी भी तरह जांच को प्रभावित नहीं करेंगे। वे साक्ष्यों के साथ छेड़छाड़ और गवाहों को प्रभावित नहीं करेंगे। कोर्ट ने कहा कि वे पीड़िता और उसके परिजनों से संपर्क नहीं करेंगे। कोर्ट ने दाती महाराज को कोर्ट की अनुमति के बिना विदेश जाने पर रोक लगा दी है।
बीस दिसंबर,2018 को साकेत कोर्ट ने दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच द्वारा दायर आरोप पत्र पर संज्ञान लेते हुए दाती महाराज और उसके तीन भाइयों के खिलाफ वारंट जारी किया था। इसके पहले 17 नवंबर,2018 को साकेत कोर्ट ने क्राइम ब्रांच के आरोप पत्र पर संज्ञान लेने से इनकार कर दिया था। कोर्ट ने कहा था कि वे क्राइम ब्रांच द्वारा की गई जाच से संतुष्ट नहीं है। कोर्ट ने कहा था कि वह इस मामले में सीबीआई की फाइनल रिपोर्ट का इंतजार करेगा।
बारह अक्टूबर,2018 को भी कोर्ट ने क्राइम ब्रांच के चार्जशीट पर संज्ञान लेने से मना कर दिया था। एक अक्टूबर,2018 को क्राइम ब्राच ने चार्जशीट दाखिल किया था। करीब 300 पेजों के आरोप पत्र में क्राइम ब्रांच ने दाती महाराज के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा-376 ,377 औऱ धारा 354 के तहत आरोपी बनाया था। तीन अक्टूबर,2018 को हाईकोर्ट ने इस मामले की जांच सीबीआई को सौंपने का आदेश दिया था। हाईकोर्ट भी दिल्ली पुलिस की जांच से संतुष्ट नहीं था। जब हाईकोर्ट ने आरोप पत्र में पुलिस को अब तक दाती महाराज को गिरफ्तार करने के लिए पर्याप्त सबूत नहीं मिलने की बात देखी तो वो नाराज हो गया। तब हाईकोर्ट ने मामले की जांच सीबीआई को सौंपते हुए इस मामले में पूरक आरोप पत्र दायर करने का निर्देश दिया था।
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दाती महाराज ने सीबीआई जांच के हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने ये कहते हुए याचिका खारिज कर दी थी कि आप हाईकोर्ट जाइए। उसके बाद दाती महाराज ने हाईकोर्ट में रिव्यू पिटीशन दाखिल किया था। हाईकोर्ट ने पिछले 14 नवंबर को सीबीआई जांच के आदेश के खिलाफ दाती महाराज के रिव्यू पिटीशन को भी खारिज कर दिया था।
पिछले 20 मार्च को दाती महाराज को मिली अग्रिम जमानत के खिलाफ सीबीआई की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने दाती महाराज को नोटिस जारी किया था। हाईकोर्ट ने दाती महाराज से 26 अगस्त तक जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया था।