कूनो नेशनल पार्क से एक दुखद सूचना है। कूनो नेशनल पार्क में एक और चीते की मौत हो गई है। दक्षिण अफ्रीका से लाई गई मादा चीता दक्ष की कूनो नेशनल पार्क में मौत हो गई है। मध्य प्रदेश के मुख्य वन संरक्षक जेएस चौहान ने यह जानकारी दी है। भारत में चीता प्रोजेक्ट को एक बड़ा झटका लगा है।
दक्षिण अफ्रीका से 12 चीते लाए गए थे। उनमें से उदय चीता और दूसरे मादा चीता साशा की मौत कुछ दिन पहले हुई थी। दक्षिण अफ्रीका से लाई गई दक्षा नामक मादा चीता की मौत मंगलवार को हुई है। बताया जा रहा है नेशनल पार्क में उसका झगड़ा किसी और चीते से हो गया था। दोनों के बीच हुई इस लड़ाई में दक्षा मादा चीता की मौत हो गई। दो माह में यह साउथ अफ्रीका से लाए गए तीसरे चीते की मौत हुई है। पोस्टमार्टम के बाद पता चल पाएगा कि, कहां चोट लगने से चीता की मौत हुई है।
दक्षा मादा चीता को नामीबिया से लाया गया था। इसका पूर्व में नाम फिडा था। भारत के श्योपुर कूनो नेशनल पार्क में में शुरू किए गए चीता प्रोजेक्ट पर पूरे विश्व की निगाहें टिकी हुई हैं। कुछ माह पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस प्रोजेक्ट का शुभारंभ किया था। इस प्रोजेक्ट के शुरू होते ही पर्यटन को लेकर काफी उम्मीदें जागी थीं।
एक विराम के बाद चीता युग की शुरूआत की गई थी, लेकिन तीन चीताें की मौत होने के बाद प्रबंधन की व्यवस्थाओं पर सवाल खड़े हो रहे हैं। प्रबंधन अभी बता नहीं पा रहा है कि आपस में दो चीता कैसे भिड़े और मादा चीता की मौत किस तरह से हुई। उल्लेखनीय है पूर्व में जिन चीतों की मौत हुई उनमें एक का नाम उदय और दूसरे का मादा चीता साशा था।
बता दें
भारत में चीता प्रोजेक्ट के लिए नामीबिया से आठ और दक्षिण अफ्रीका से 12 चीते लाए गए हैं। अभी तक इनमें से तीन की मौत हो चुकी है। सबसे पहले नामीबिया से आए एक चीते की बीमारी से मौत हुई थी। इसके बाद दक्षिण अफ्रीका से आए एक चीते की मौत हुई है। डेढ़ महीने के अंदर अब तीसरे चीते की मौत हो गई। अब कूनो नेशनल पार्क में 17 बड़े चीते बचे हुए हैं।