दक्षिण कशमीर के चार जिलों में कोरोना संक्रमण के मामलों में गिरावट

नई दिल्ली। जम्मू-कश्मीर में कोरोना के खिलाफ लड़ी जा रही जंग में स्वस्कर्मी सब से आगे है और वैक्सीनशन का काम पूरा करने के लिए हर मुश्किल को पार कर रहे हैं. दो महीने पहले जहां दक्षिण कश्मीर कोरोना का एपिसेंटर बना हुआ था वहीं आज दक्षिण कश्मीर के चारों जिलों- पुलवामा, शोपियां, अनंतनाग और कुलगाम में कोरोना के फैलाव पर लगाम लग चुकी है. इसका श्रेय इन्हीं स्वस्थ्य कर्मियों को जाता है.

पुलवामा की रहने वाली 35 साल की तबस्सुम गुल पिछले दस सालों से स्वस्थ विभाग में काम करती आयी हैं और आज वह पुलवामा के लाजुराह में तैनात हैं. इस इलाके में लोगों के दिल में वैक्सीन के प्रति काफी डर था जो ऑनलाइन किये गए दावों और वायरल मैसेज के बाद और ज्यादा बढ़ गया. नतीजा इस पूरे इलाके में कोई भी वैक्सीन लेने को तैयार नहीं था.

इस के बाद तबस्सुम ने अपने गांव में लोगों को मनवाने का काम अपने जिम्मे लिया और अपने बाकी साथियों के साथ मिलकर पूरे इलाके में घर-घर जाकर लोगों को वैक्सीन के लिए तैयार किया. तबस्सुम ने इलाके के दर्जनों गांव में घर-घर जाकर लोगों को टीका लगाया. यहां तक कि खेती और सेब के दवा के सीजन के चलते खेतों और बागों में जा-जा कर लोगों को टीका लगाया. हर दिन तबस्सुम की टीम 100 से 150 लोगों को वैक्सीन लगाती है.

तबस्सुम ने एबीपी न्यूज़ के साथ एक ऐसे ही टीकाकरण कैंप में बात करते हुए बताया, “हम खेतों में कीचड़ के बीच, नदी नालों से गुज़र कर और पहाड़ों में चढ़ कर लोगों को वैक्सीन लगा रहे हैं और आज लाजूरा के पब्लिक हेल्थ सेंटर के तहत आने वाले सभी गावों में हमने 75% लोगों को टिका लगा दिया है”

तबस्सुम के साथ-साथ उसके कई पुरष और महिला साथी भी दिन रात एक करके वैक्सीनेशन का काम पूरा कर रहे हैं. तबस्सुम के साथी जहांगीर के अनुसार कुछ हफ्तों पहले तक लोग खुद ही वैक्सीन लगवाने के लिए आते थे लेकिन जब सोशल मीडिया पर वैक्सीन को लेकर गलत-गलत अफवाह फैलाना शुरू हुआ तो उनके लिए काफी परेशानियां बड़ी.

तबस्सुम ने इस काम में पंचायत के लोगों के साथ-साथ मस्जिदों के इमाम की भी मदद ली. लाजुराह में करीब 30 छोटी बड़ी मस्जिद है और वैक्सीनेशन के लिए इन मस्जिदों के लाउड स्पीकर के ज़रिये मस्जिद के इमामों से अपील करवाई गई और लोगों का डर कम किया गया.

लाजुराह के अहनगर मोहल्ले में जहां कोई भी व्यक्ति वैक्सीन लगाने को तैयार नहीं था मस्जिद के इमाम ने स्वास्थ्यकर्मियों की मदद की. मस्जिद के इमाम 32 साल के अब्दुल रोउफ ने न सिर्फ खुद वैक्सीन लगाई बल्कि मस्जिद में सभी लोगों को वैक्सीन लगवाने और अफवाहों के ऊपर कान न दरने का सबक दिया.

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