दिल्ली में AAP को झटका, 3 पार्षद BJP में शामिल, क्या अब बदलने वाली है दिल्ली की राजनीति?

दिल्ली में हाल ही में हुए निगम चुनावों में आम आदमी पार्टी (AAP) को तगड़ा झटका लगा है। आम आदमी पार्टी के तीन पार्षदों ने शनिवार को भारतीय जनता पार्टी (BJP) का दामन थाम लिया। इस घटनाक्रम को दिल्ली में AAP की हार के साइड इफेक्ट के रूप में देखा जा रहा है। ये तीन पार्षद अनीता बसोया, निखिल चपराना और धर्मवीर हैं। इन सभी का संबंध दिल्ली के विभिन्न क्षेत्रों से है – अनीता एंड्रयूज गंज, निखिल बदरपुर और धर्मवीर आरके पुरम से निगम पार्षद हैं। इस मौके पर बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने इन पार्षदों को पार्टी में शामिल कराया।

दिल्ली में बीजेपी की ऐतिहासिक वापसी

दिल्ली चुनाव में बीजेपी ने लगभग 27 साल बाद दिल्ली नगर निगम में वापसी की है। बीजेपी का यह कड़ा कदम आम आदमी पार्टी के लिए किसी बड़े झटके से कम नहीं है, क्योंकि उसे भारी शिकस्त का सामना करना पड़ा। दिल्ली विधानसभा चुनावों में बीजेपी ने 70 में से 48 सीटों पर जीत हासिल की थी, जबकि आम आदमी पार्टी को केवल 22 सीटों पर ही संतोष करना पड़ा। इन नतीजों से बीजेपी ने दिल्ली के राजनीतिक समीकरण को पूरी तरह से बदल दिया है और उसकी ताकत में जबरदस्त इजाफा हुआ है।

आप छोड़ने वाले पार्षदों का क्या है रुझान?

AAP से BJP में शामिल होने वाले तीन पार्षदों का नाम अनीता बसोया, निखिल चपराना और धर्मवीर है। इनका पार्टी छोड़ने का कारण यह बताया जा रहा है कि इनकी उम्मीदवारी पर पार्टी ने पर्याप्त ध्यान नहीं दिया था। वहीं, एक ओर सवाल यह भी उठता है कि दिल्ली में AAP को किस तरह से लगातार बड़े राजनीतिक झटके लग रहे हैं। बीजेपी अब दिल्ली नगर निगम के आगामी मेयर चुनाव को लेकर भी अपने समीकरण तैयार कर रही है, और यह माना जा रहा है कि मार्च के अंत में होने वाले चुनाव में बीजेपी का मेयर बनना तय है।

आप के लिए राजनीतिक संकट?

इस घटनाक्रम से यह भी साफ होता है कि आम आदमी पार्टी के लिए दिल्ली में राजनीतिक संकट आ सकता है। पार्टी के भीतर के बागी नेताओं के इस्तीफे और बीजेपी में शामिल होने की घटनाएं लगातार बढ़ रही हैं। यही नहीं, दिल्ली विधानसभा चुनाव से ठीक पहले AAP के छह विधायक भी पार्टी छोड़कर बीजेपी में शामिल हो गए थे। इन विधायकों में जनकपुरी के विधायक राजेश ऋषि, पालम से भावना गौड़, बिजवासन से बीएस जून, आदर्श नगर से पवन शर्मा, कस्तूरबा नगर से मदनलाल, त्रिलोकपुरी से रोहित महरौलिया शामिल थे। इन विधायकों के साथ-साथ पूर्व विधायक विजेंद्र गर्ग, निगम पार्षद अजय राय और सुनील चड्डा ने भी पार्टी को अलविदा कहा।

आप की हार का साइड इफेक्ट: बीजेपी की ओर बढ़ते नेता

दिल्ली में AAP के हारने का साइड इफेक्ट यह भी देखने को मिल रहा है कि पार्टी के भीतर के नेता एक के बाद एक बीजेपी की ओर रुख कर रहे हैं। पहले आम आदमी पार्टी के विधायक बागी हुए और अब निगम पार्षदों ने भी अपनी राह बदल ली है। इससे साफ है कि दिल्ली में आम आदमी पार्टी के खिलाफ राजनीतिक हवा का रुख बदल चुका है। इस बात का अंदाजा लगाना मुश्किल नहीं है कि अगर यह सिलसिला चलता रहा, तो AAP को आगे और झटके झेलने पड़ सकते हैं।

क्या है बीजेपी की ट्रिपल इंजन सरकार की योजना?

अब सवाल यह उठता है कि दिल्ली में बीजेपी का राजनीतिक भविष्य क्या होगा? बीजेपी के लिए दिल्ली में ‘ट्रिपल इंजन’ की सरकार बनाना तय माना जा रहा है। यह ‘ट्रिपल इंजन’ की सरकार दिल्ली विधानसभा, नगर निगम और केंद्र सरकार के स्तर पर बीजेपी की मजबूती को दर्शाता है। बीजेपी की कोशिश है कि दिल्ली नगर निगम में भी सत्ता परिवर्तन हो, और मार्च के अंत तक होने वाले मेयर चुनाव में भी वह अपना दबदबा बना सके।

आने वाले समय में क्या हो सकता है?

दिल्ली विधानसभा के बाद, अब दिल्ली नगर निगम में भी बीजेपी का शासन स्थापित होने की संभावना है। यह एक तरह से दिल्ली के राजनीतिक दृश्य में एक नया मोड़ है। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि बीजेपी किस तरह से अपने मंसूबों को जमीन पर उतारती है, और क्या आम आदमी पार्टी के पास इसका कोई कारगर जवाब होगा।

दिल्ली का अगला मुख्यमंत्री कौन होगा?

दिल्ली विधानसभा चुनावों में भारी जीत के बाद, बीजेपी के अगले कदमों पर सभी की निगाहें हैं। बीजेपी अब मुख्यमंत्री पद के लिए संभावित उम्मीदवारों को लेकर अटकलें लगा रही है, लेकिन इस पर कोई स्पष्ट निर्णय नहीं लिया गया है। दिल्ली में इस समय बीजेपी का दबदबा बढ़ा है और पार्टी अब दिल्ली की राजनीति में अपनी स्थिति और मजबूत करने की दिशा में काम कर रही है।

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