दिवाली के बाद दिल्ली बनी गैस चैंबर! AQI 969 तक पहुंचा

देश की राजधानी दिल्ली में दिवाली पर सुप्रीम कोर्ट ने पटाखे जलाने पर रोक लगाई थी, इसके बावजूद लोगों ने जमकर पटाखे जलाए। दिवाली की रात हवा में जहर घुल गया। दिल्ली के विभिन्न हिस्सों में सड़कों पर घनी धुंध छाई हुई दिखाई दे रही है, जिससे दृश्यता काफी कम हो गई है और कुछ 100 मीटर से आगे देखना मुश्किल हो गया है।

सोमवार सुबह दिल्ली, नोएडा, गुरुग्राम और आसपास के स्थानों पर घनी जहरीली धुंध लौट आई, जिससे पूरे राष्ट्रीय स्तर पर भारी प्रदूषण हुआ। एक्यूआईसीएन के मुताबिक दिल्ली में वायु गुणवत्ता सूचकांक 900 के पास पहुंच गया है। बता दें कि राजधानी पहले से ही अपनी बिगड़ती वायु गुणवत्ता से जूझी रही है।

दिवाली से पहले दिल्ली में AQI खराब होने पर सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट किया था कि पटाखों में बेरियम और प्रतिबंधित रसायनों के इस्तेमाल पर प्रतिबंध लगाने वाला उसका आदेश सिर्फ एनसीआर पर ही नहीं बल्कि पूरे देश पर लागू है। लेकिन इसके बावजूद राजधानी के कई इलाकों में पटाखे फोड़े गए।

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक मौसम एजेंसी aqicn.org के अनुसार, सोमवार सुबह 5.30 बजे दिल्ली में वायु गुणवत्ता का स्तर 514 था, जो वायु गुणवत्ता सूचकांक पर 320 से अधिक था। IQAir के मुताबिक, सोमवार को दिल्ली दुनिया का सबसे प्रदूषित शहर है।

दिल्ली के आनंद विहार क्षेत्र में वायु प्रदूषण का उच्चतम स्तर दर्ज किया गया। आज सुबह 5 बजे वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 969 (खतरनाक) तक पहुंच गया। करोल बाग में एक्यूआई 500 के पार पहुंच गया। बता दें 0-50 के बीच AQI को स्वस्थ माना जाता है, जबकि 300 से अधिक का मान ‘खतरनाक’ वायु मानी जाती है।

रविवार की सुबह दिल्ली में दिवाली के दिन आठ साल में सबसे अच्छी वायु गुणवत्ता देखी गई। दिल्लीवासी साफ आसमान और प्रचुर धूप के साथ उठे और शहर का वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) सुबह 7 बजे 202 पर था, जो कम से कम तीन सप्ताह में सबसे अच्छा था।

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