अरविंद केजरीवाल का आरोप, ‘मेरी विधानसभा में वोट खरीदने का काम शुरू, 1000 रुपये दे रहे’
नई दिल्ली: दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 के करीब आते ही सियासी हलकों में आरोप-प्रत्यारोप का दौर तेज़ हो गया है। दिल्ली के मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी (AAP) के नेता अरविंद केजरीवाल ने बीजेपी पर गंभीर आरोप लगाए हैं, जिससे दिल्ली की राजनीति में नया मोड़ आया है। केजरीवाल ने आरोप लगाया है कि उनकी विधानसभा सीट पर विरोधी पार्टी के लोग खुलेआम वोट खरीदने का काम कर रहे हैं और इसके लिए 1000 रुपये प्रति वोट देने की पेशकश की जा रही है। उनका यह बयान सियासी दुनिया में हलचल मचाने का कारण बन गया है।
केजरीवाल का आरोप: वोट खरीदने का खुला खेल
अरविंद केजरीवाल ने अपने ट्विटर हैंडल पर यह आरोप लगाया कि बीजेपी द्वारा उनकी विधानसभा क्षेत्र में वोट खरीदने की साजिश की जा रही है। केजरीवाल ने लिखा, “इन लोगों ने मेरी विधानसभा में अभी से वोट खरीदने का काम शुरू कर दिया है। खुलेआम 1000 रुपये प्रति वोट कैश दे रहे हैं।” उनका यह बयान सीधे तौर पर बीजेपी पर निशाना साधता है और इसका इशारा इस ओर है कि बीजेपी चुनाव जीतने के लिए मतदाताओं को पैसे देकर उन्हें अपने पक्ष में करने की कोशिश कर रही है।
केजरीवाल की यह टिप्पणी उस समय आई है जब वह नई दिल्ली विधानसभा सीट से चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहे हैं। उन्होंने पहले भी बीजेपी पर आरोप लगाए हैं कि वह उनकी और आम आदमी पार्टी की छवि को नुकसान पहुंचाने के लिए किसी भी हद तक जा सकती है।
बीजेपी पर गंभीर आरोप: वोट काटने की साजिश
अरविंद केजरीवाल ने कुछ दिन पहले बीजेपी पर एक और गंभीर आरोप लगाया था। उनका कहना था कि बीजेपी दिल्ली में बड़े पैमाने पर वोट काटने के लिए चुनाव आयोग में आवेदन दे रही है। उनका दावा था कि बीजेपी के नेता अपने पार्टी के लेटरहेड पर यह आवेदन भेज रहे हैं ताकि उनकी पार्टी के मतदाताओं को चुनावी प्रक्रिया से बाहर किया जा सके।
केजरीवाल ने उदाहरण देते हुए कहा कि बीजेपी ने शाहदरा विधानसभा क्षेत्र के लिए चुनाव आयोग को आवेदन किया था, जिसमें दावा किया गया था कि 11018 लोग वोटर लिस्ट से हटाए जाने चाहिए क्योंकि वे या तो शिफ्ट हो चुके हैं या मृत हो चुके हैं। हालांकि, केजरीवाल का कहना था कि उन्होंने रैंडम 500 वोटरों की जांच की और पाया कि उनमें से 372 लोग अभी भी वहां रह रहे हैं।
केजरीवाल का आरोप है कि बीजेपी जानबूझकर इस तरह के आवेदन दे रही है ताकि आम आदमी पार्टी (AAP) के वोटरों के नाम लिस्ट से हटा दिए जाएं, जिससे पार्टी को नुकसान हो और बीजेपी को फायदा हो। उनका यह भी कहना था कि चुनाव आयोग को इस पर गंभीरता से विचार करना चाहिए क्योंकि इस तरह की गतिविधियों से चुनावी प्रक्रिया की निष्पक्षता पर सवाल खड़ा हो सकता है।