दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 की उलटी गिनती शुरू हो चुकी है। चुनावी रणभूमि में दिलचस्प मुकाबला होने वाला है, और इस बार 70 विधानसभा सीटों पर कुल 1521 नामांकन दाखिल हुए हैं। चुनावी प्रक्रिया में यह नामांकन पिछले कुछ दिनों में तेज़ी से भरे गए, और यह साफ तौर पर दिखाता है कि इस बार चुनाव में तगड़ी टक्कर होने वाली है। आइये जानते हैं किस सीट पर सबसे ज्यादा और सबसे कम उम्मीदवार मैदान में हैं।
नामांकन का आंकड़ा और उम्मीदवारों की हलचल
दिल्ली चुनाव 2025 के लिए नामांकन प्रक्रिया 17 जनवरी को खत्म हो गई। इस बार कुल 1521 नामांकन दाखिल हुए हैं, जिनमें से 680 नामांकन आखिरी दिन यानी 17 जनवरी को ही भरे गए। अब 18 जनवरी को नामांकन पत्रों की जांच होगी और 20 जनवरी तक उम्मीदवार अपने नाम वापस ले सकते हैं। इस बीच, दिल्ली की राजनीति में हर सीट पर कांटे की टक्कर देखने को मिल सकती है।
दिल्ली के चुनावी मैदान में सबसे ज्यादा हलचल नई दिल्ली विधानसभा सीट पर देखने को मिल रही है। इस सीट पर कुल 29 उम्मीदवारों ने 40 नामांकन दाखिल किए हैं, जो इस बार सबसे ज्यादा हैं। वहीं दूसरी ओर, कस्तूरबा नगर विधानसभा सीट पर सबसे कम हलचल रही। यहां सिर्फ 6 उम्मीदवारों ने 9 नामांकन भरे हैं। यह दोनों सीटें दिल्ली के राजनीतिक परिदृश्य में अहम मानी जाती हैं, लेकिन उम्मीदवारों की संख्या में बड़ा अंतर देखने को मिल रहा है।
केजरीवाल के गढ़ में कड़ी टक्कर
नई दिल्ली विधानसभा सीट पर इस बार आम आदमी पार्टी (AAP) के संयोजक और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल खुद चुनावी मैदान में हैं। उनका मुकाबला बीजेपी के प्रवेश साहिब सिंह वर्मा और कांग्रेस के संदीप दीक्षित से होगा। यह सीट हमेशा से ही हाई-प्रोफाइल रही है, और इस बार भी यहां मुकाबला बेहद दिलचस्प रहने वाला है। खास बात यह है कि नई दिल्ली विधानसभा सीट पर नामांकन की संख्या भी सबसे ज्यादा रही है, जिससे यह साफ है कि इस सीट पर राजनीतिक हलचल बड़ी है।
एनडीए का नया पैंतरा: बुराड़ी और देवली में खास दांव
दिल्ली में इस बार एनडीए ने अपना पैंतरा भी बदल दिया है। बीजेपी ने इस बार दो सीटें अपने सहयोगियों को दी हैं। बुराड़ी सीट को जेडीयू के खाते में डाला गया है, जबकि देवली सीट को लोजपा रामविलास को दी गई है। इन दोनों सीटों पर अब बीजेपी के सहयोगी दलों का असर होगा, जिससे मुकाबला और भी रोचक हो सकता है। जबकि बाकी 68 सीटों पर बीजेपी अपनी ताकत के साथ अकेले चुनावी मैदान में है।
कांग्रेस और आम आदमी पार्टी ने पूरी 70 सीटों पर किया ऐलान
इस बार दिल्ली विधानसभा चुनाव में कांग्रेस और आम आदमी पार्टी (AAP) दोनों ही प्रमुख पार्टियों ने घोषणा की है कि वे 70 सीटों पर अकेले चुनाव लड़ेंगे। कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के बीच एकबार फिर से त्रिकोणीय मुकाबला होने की संभावना है, जिसमें बीजेपी भी पूरी ताकत से लड़ाई में शामिल है। इन तीनों पार्टियों के बीच की कड़ी टक्कर दिल्ली की राजनीति में नए समीकरण पैदा कर सकती है।
हर सीट पर कड़ी टक्कर, दिल्ली की जनता का फैसला अहम
दिल्ली में इस बार कुल 981 उम्मीदवारों ने 1521 नामांकन दाखिल किए हैं। इस बार का चुनाव पहले से ज्यादा दिलचस्प होगा क्योंकि हर सीट पर त्रिकोणीय मुकाबला हो सकता है। अगर हम दिल्ली विधानसभा चुनाव के पिछले रिकॉर्ड्स को देखें तो हम पाएंगे कि इस बार की लड़ाई अधिक कड़ी और कठिन हो सकती है। नामांकन प्रक्रिया पूरी होने के बाद, अब सभी की नजरें 5 फरवरी पर टिकी हुई हैं, जब दिल्ली की जनता अपना वोट डालेगी। इसके बाद 8 फरवरी को नतीजों का ऐलान होगा, जो यह तय करेगा कि दिल्ली में अगली सरकार किसकी बनेगी।
चुनावी प्रक्रिया का अगला कदम
दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 की प्रक्रिया अब अपने अंतिम दौर में है। अगले कुछ दिनों में यह पूरी प्रक्रिया पूरी होगी और चुनावी नतीजे सभी को तय करेंगे। नामांकन की स्क्रूटनी 18 जनवरी को होगी और 20 जनवरी तक उम्मीदवार अपने नाम वापस ले सकते हैं। 5 फरवरी को मतदान होगा, और 8 फरवरी को नतीजे सामने आएंगे।