दिल्ली में विधानसभा चुनाव 2025 को लेकर राजनीतिक माहौल और भी गरमाता जा रहा है। बीजेपी ने हाल ही में अपना संकल्प पत्र (मेनिफेस्टो) जारी किया था, जिसमें दिल्ली की जनता के लिए कई बड़े वादे किए गए थे। इन वादों में महिलाओं के लिए पेंशन बढ़ाने, मुफ्त गैस सिलेंडर देने, और 5 रुपये में खाना देने जैसी योजनाओं का जिक्र था। अब इस पर आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक और दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने बीजेपी पर तगड़ा हमला बोला है। उन्होंने बीजेपी के संकल्प पत्र को ‘केजरीवाल पत्र’ करार दिया और कहा कि इसमें कोई नई बात नहीं है, क्योंकि ये सारी योजनाएं तो वह पहले से दिल्ली में चला रहे हैं।
अरविंद केजरीवाल का हमला: बीजेपी की योजनाओं की नकल
अरविंद केजरीवाल ने बीजेपी के संकल्प पत्र पर तंज कसते हुए कहा, “बीजेपी का संकल्प पत्र नहीं है, बल्कि यह ‘केजरीवाल पत्र’ है। इस पत्र में जो भी योजनाएं बताई जा रही हैं, वो सारी हमारे ही कामों की नकल हैं। बीजेपी वही काम करना चाहती है जो हम पहले से दिल्ली में कर रहे हैं। तो फिर बीजेपी को वोट क्यों दें? अगर वही काम केजरीवाल कर रहे हैं तो बीजेपी को वोट देने का क्या मतलब?”
केजरीवाल का यह बयान सीधे तौर पर बीजेपी के घोषणापत्र पर था, जिसमें उन्होंने आम आदमी पार्टी की योजनाओं को अपनी योजना के तौर पर पेश किया है। यह बात केजरीवाल ने बार-बार कही कि बीजेपी के पास अपनी कोई नई नीति नहीं है, और उन्हें सिर्फ उनकी योजनाओं को अपनाने की आदत हो गई है।
केजरीवाल ने उठाए बीजेपी के वादों पर सवाल
केजरीवाल ने बीजेपी के संकल्प पत्र में महिलाओं के लिए किए गए वादों पर भी सवाल उठाए। बीजेपी ने अपने घोषणापत्र में कहा था कि अगर उनकी सरकार बनी तो दिल्ली की महिलाओं को 2500 रुपये पेंशन दी जाएगी। इस पर केजरीवाल ने कहा, “हम भी यही करेंगे, लेकिन बीजेपी को यह बताना चाहिए कि उन्होंने अब तक क्या किया है? हमारी सरकार पहले से महिलाओं को पेंशन दे रही है। बीजेपी को यह वादा करने के लिए तो हमें धन्यवाद देना चाहिए, ना कि इसे अपनी योजना बताकर वोट मांगने की कोशिश करनी चाहिए।”
इसके अलावा, बीजेपी ने गर्भवती महिलाओं के लिए 21,000 रुपये देने का वादा भी किया था। इस पर केजरीवाल ने चुटकी लेते हुए कहा, “बीजेपी ने अब तक क्या किया है? क्या उन्होंने कभी इस तरह की योजनाओं को लागू किया है?” उन्होंने बीजेपी पर निशाना साधते हुए कहा कि केवल घोषणाएं करने से काम नहीं चलता, जरूरी है कि उन घोषणाओं को धरातल पर उतारा जाए।
मोहल्ला क्लिनिक का मुद्दा
अरविंद केजरीवाल ने बीजेपी के एक और वादे पर प्रतिक्रिया दी, जिसमें बीजेपी ने कहा था कि अगर उनकी सरकार बनी तो मोहल्ला क्लिनिक बंद कर दिए जाएंगे। इस पर केजरीवाल ने कहा, “अगर बीजेपी मोहल्ला क्लिनिक बंद करना चाहती है, तो हम दिल्ली की जनता से पूछेंगे कि क्या उन्हें मोहल्ला क्लिनिक चाहिए या नहीं। अगर लोग मोहल्ला क्लिनिक चाहते हैं, तो उन्हें हमें ही वोट देना चाहिए, क्योंकि हम इन सेवाओं को जारी रखेंगे।”
केजरीवाल का यह बयान सीधे तौर पर बीजेपी के उस बयान का जवाब था जिसमें बीजेपी ने मोहल्ला क्लिनिक बंद करने की बात की थी। केजरीवाल ने कहा कि उनकी पार्टी के पास लोगों के हित में काम करने की गारंटी है, और वह मोहल्ला क्लिनिक जैसी योजनाओं को बंद नहीं होने देंगे।
बीजेपी का ‘रेवड़ी’ वाला बयान
केजरीवाल ने बीजेपी द्वारा दिल्ली में ‘फ्री’ योजनाओं पर दिए गए बयानों का भी विरोध किया। उन्होंने कहा, “बीजेपी के अध्यक्ष जेपी नड्डा ने रेवड़ियां बांटने की बात की है, लेकिन क्या उन्होंने प्रधानमंत्री से इस बारे में मंजूरी ली है? क्योंकि प्रधानमंत्री ने खुद कहा था कि फ्री रेवड़ी बांटना ठीक नहीं है।” केजरीवाल ने यह भी कहा कि बीजेपी पहले ‘फ्री’ योजनाओं का विरोध करती थी, और अब वही योजनाएं अपनाने की बात कर रही है।
क्या बीजेपी को लेकर मोदी का बयान बदल चुका है?
केजरीवाल ने यह भी सवाल उठाया कि प्रधानमंत्री मोदी ने जो पहले ‘फ्री रेवड़ियां’ बांटने की आलोचना की थी, क्या अब उनका रुख बदल चुका है? उन्होंने कहा, “अगर मोदी जी को लगता है कि ‘फ्री’ योजनाएं देश के लिए खराब नहीं हैं, तो वह सामने आएं और कहें कि वह पहले गलत थे, और केजरीवाल सही था।” यह बयान मोदी सरकार द्वारा ‘फ्री’ योजनाओं के खिलाफ की गई बयानबाजी पर था, जो अब चुनाव के समय बदलती दिख रही है।
अरविंद केजरीवाल ने क्यों कहा कि बीजेपी की योजनाएं सिर्फ चुनावी हथकंडा हैं?
केजरीवाल ने यह भी कहा कि बीजेपी का घोषणापत्र केवल चुनावी हथकंडा है, क्योंकि बीजेपी को यह पता है कि उनकी सरकार दिल्ली में नहीं बनने वाली है। उन्होंने कहा, “अगर बीजेपी को पता है कि उनकी सरकार नहीं बनने वाली है, तो क्यों न वे अपनी योजनाओं को और बेहतर बनाएं? अगर 2500 रुपये की पेंशन है तो क्यों न इसे 5000 रुपये कर दिया जाए? बीजेपी के नेताओं की तो चलती नहीं है, मोदी जी ही आकर यह कहें कि ‘फ्री रेवड़ी देना ठीक है’।”