दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने जेल से रिहा होने के बाद एक बड़ा फैसला लिया है। रविवार को पार्टी के नेताओं और कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए, उन्होंने कहा कि वह दो दिन बाद मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे देंगे।
ईमानदारी की कसौटी
केजरीवाल ने अपने भाषण में कहा कि अगर लोग मानते हैं कि वे ईमानदार हैं, तो उन्हें चुनाव में वोट दें। उन्होंने कहा कि जब तक उन्हें जनता का समर्थन नहीं मिलेगा, वे मुख्यमंत्री की कुर्सी पर नहीं बैठेंगे। उनका यह बयान इस बात को साफ करता है कि वे चाहते हैं कि लोग उनके काम की सही तरह से सराहना करें।
पार्टी में हलचल
इस ऐलान से आम आदमी पार्टी (AAP) में हड़कंप मच गया है। पार्टी समर्थक और राजनीतिक विश्लेषक इस फैसले को लेकर तरह-तरह की बातें कर रहे हैं। केजरीवाल का कहना है कि उनका यह कदम लोगों के विश्वास को फिर से जीतने की कोशिश है।
आने वाले दिनों में क्या होगा?
अब यह देखना दिलचस्प होगा कि दिल्ली की राजनीति में इस फैसले का क्या असर पड़ेगा। केजरीवाल के इस्तीफे के बाद, आम आदमी पार्टी की रणनीति और दिल्ली की राजनीति में आने वाले बदलाव को लेकर सबकी निगाहें रहेंगी।