दिल्ली की मुख्यमंत्री आतिशी आज उस वक्त भावुक हो गईं, जब बीजेपी नेता रमेश बिधूड़ी ने उनके पिता पर विवादित टिप्पणी की। सीएम आतिशी इस बयान से इतनी दुखी हुईं कि उनकी आंखों से आंसू छलक पड़े। उन्होंने कहा, “मेरे पिता 80 साल के हो गए हैं और वे इतने बीमार हैं कि बिना सहारे के चल भी नहीं पाते। उन्होंने हजारों बच्चों को पढ़ाया है और आज वह खुद चलने में असमर्थ हैं, लेकिन रमेश बिधूड़ी मेरे पिता को गाली दे रहे हैं।” आतिशी ने साफ तौर पर कहा कि बिधूड़ी को अपने काम के आधार पर वोट मांगने चाहिए, न कि मेरे पिता को गाली देकर।
बीजेपी नेता ने क्या कहा था?
रमेश बिधूड़ी, जो कि दिल्ली के कालकाजी से बीजेपी उम्मीदवार हैं, ने सोमवार को एक विवादित बयान दिया था। उन्होंने सीएम आतिशी पर आरोप लगाया था कि उन्होंने अपना नाम बदल लिया है। बिधूड़ी ने कहा था, “आतिशी पहले मार्लेना थीं और अब सिंह हो गईं। केजरीवाल ने बच्चों की कसम खाई थी, लेकिन आतिशी ने तो अपना बाप ही बदल लिया।” बिधूड़ी का यह बयान तत्काल ही राजनीतिक गलियारों में चर्चा का विषय बन गया और आतिशी के समर्थकों में आक्रोश फैल गया।
संजय सिंह का बीजेपी और पीएम मोदी पर हमला
रमेश बिधूड़ी के इस बयान पर AAP सांसद संजय सिंह भी चुप नहीं रहे और उन्होंने बीजेपी पर जमकर हमला बोला। संजय सिंह ने कहा, “मोदी जी आप ही सिखाते हैं? एक बुजुर्ग महिला के पिता को गालियां देना क्या आपकी पार्टी की संस्कृति है?” संजय सिंह ने आरोप लगाया कि बीजेपी को यह लगता है कि महिलाओं को गालियां देने से वो बेहतर उम्मीदवार बन सकते हैं, जो कि पार्टी की सोच को पूरी तरह से दर्शाता है।
संजय सिंह ने आगे कहा, “पहले बीजेपी ने एक ऐसे व्यक्ति को टिकट दिया, जिसने संसद में गालियां दी थीं, और अब इसने एक निर्वाचित मुख्यमंत्री के पिता को गाली दी है। बीजेपी की सोच यही है। यह साबित हो चुका है कि बीजेपी का सीएम चेहरा अब रमेश बिधूड़ी है।”
दिल्ली की जनता का फैसला
संजय सिंह ने दिल्ली की जनता से अपील की कि वह यह तय करें कि उन्हें महिलाओं को सम्मान देने वाला नेता चाहिए या फिर वह नेता जो महिलाओं को गालियां देता है। “दिल्ली की जनता को अब यह तय करना है कि उन्हें 2100 रुपये देने वाला अरविंद केजरीवाल चाहिए या फिर महिलाओं को गालियां देने वाला रमेश बिधूड़ी। अगर बीजेपी रमेश बिधूड़ी को सीएम चेहरा बना रही है, तो यह दिल्ली के लोगों के लिए बड़ा सवाल है,” संजय सिंह ने कहा।
बीजेपी का सीएम चेहरा कौन?
इस बयान के बाद राजनीतिक हलकों में यह सवाल उठने लगा कि क्या बीजेपी सच में रमेश बिधूड़ी को अपना मुख्यमंत्री का चेहरा बना सकती है? उनके द्वारा की गई इस प्रकार की टिप्पणियों से न केवल महिलाओं का अपमान हो रहा है, बल्कि बीजेपी की छवि पर भी सवाल उठ रहे हैं।
पिता को लेकर भावुक हुईं आतिशी
सीएम आतिशी इस विवादित बयान से आहत हो गईं। भावुक होते हुए उन्होंने कहा, “मेरे पिता 80 साल के हो गए हैं। वे इतने बीमार हैं कि बिना सहारे के चल तक नहीं पाते। उनका सिर्फ एक ही उद्देश्य था – बच्चों को शिक्षा देना, समाज में बदलाव लाना। उन्होंने पूरे जीवन में इस समाज के लिए काम किया है, लेकिन अब जब वह अपने जीवन के इस पड़ाव पर हैं, तो रमेश बिधूड़ी उन्हें गाली दे रहे हैं।”
आतिशी ने इस बयान के खिलाफ अपनी आवाज उठाई और यह भी कहा कि राजनीति में इस तरह की घटिया टिप्पणियां देश की राजनीति को नीचे गिरा रही हैं। “अगर किसी को अपने काम पर विश्वास है, तो वह गालियों की राजनीति नहीं करता, वह काम करके वोट मांगता है।”
बिधूड़ी के खिलाफ विरोध
रमेश बिधूड़ी के इस बयान पर AAP और अन्य राजनीतिक दलों ने कड़ी प्रतिक्रिया दी। उनकी टिप्पणी को लेकर बिधूड़ी के खिलाफ विरोध की लहर चल पड़ी है। AAP ने इसे “बीजेपी की घटिया राजनीति” बताया और कहा कि इस प्रकार की टिप्पणियों से केवल नफरत और विभाजन बढ़ेगा।
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि रमेश बिधूड़ी का यह बयान दिल्ली चुनाव के दौरान बीजेपी के लिए एक बड़ा विवाद बन सकता है। इससे उनकी छवि को काफी नुकसान हो सकता है और आम आदमी पार्टी को इससे एक नया मुद्दा मिल सकता है।
दिल्ली के चुनाव में नया मोड़
अब दिल्ली विधानसभा चुनाव की तारीखें नजदीक आ रही हैं और इस बयान ने एक नया मोड़ ले लिया है। बीजेपी और AAP दोनों ही पार्टीयों के बीच तीखा संघर्ष हो रहा है। दिल्ली की जनता को इस बयान के बाद यह तय करना होगा कि वे किसे अपना नेता चुनेंगे – वह जो अपने काम पर विश्वास रखता है या वह जो गालियों के जरिए राजनीति करता है।