दिल्ली की मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी (आप) की नेता आतिशी ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कांग्रेस पार्टी पर बड़ा आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि कांग्रेस, बीजेपी के साथ मिलकर दिल्ली में चुनाव लड़ने की साजिश रच रही है। उनके अनुसार, कांग्रेस के उम्मीदवारों की लिस्ट देखकर यह साफ लगता है कि यह लिस्ट बीजेपी के दफ्तर में तैयार की गई है।
आतिशी ने यह भी कहा कि कांग्रेस के उम्मीदवारों का खर्च बीजेपी द्वारा वहन किया जा रहा है। उदाहरण के तौर पर, उन्होंने संदीप दीक्षित और फरहाद सूरी का नाम लिया और कहा कि इन दोनों को बीजेपी से करोड़ों रुपये का फंड मिल रहा है। उन्होंने यह सवाल उठाया कि अगर आम आदमी पार्टी “एंटी नेशनल” है, तो लोकसभा चुनाव में कांग्रेस हमारे साथ क्यों खड़ी थी और क्यों अरविंद केजरीवाल से प्रचार करवाया?
कांग्रेस और बीजेपी की साठगांठ का आरोप
आतिशी ने कांग्रेस पर आरोप लगाया कि वह आम आदमी पार्टी को हराने के लिए बीजेपी से साठगांठ कर रही है। उनका कहना था कि कांग्रेस का केंद्रीय नेतृत्व इस बात की जिम्मेदारी ले और अजय माकन पर कार्रवाई करें। साथ ही, उन्होंने यह भी कहा कि केजरीवाल और उनके खिलाफ दर्ज किए गए केस को वापस लिया जाए। आतिशी ने धमकी दी कि अगर ऐसा नहीं होता है, तो आम आदमी पार्टी इंडिया गठबंधन के दलों से इस मुद्दे पर बात करेगी।
संजय सिंह का पलटवार
आम आदमी पार्टी के सांसद संजय सिंह ने भी कांग्रेस पर हमला बोला। उन्होंने कहा कि कांग्रेस का व्यवहार बीजेपी को फायदा पहुंचाने वाला है और वह किसी भी स्थिति में बीजेपी के पक्ष में काम कर रही है। उन्होंने कहा, “अजय माकन बीजेपी के कहने पर हम पर हमले करते हैं। कल तो उन्होंने केजरीवाल को एंटी नेशनल कह दिया।” संजय सिंह ने यह भी आरोप लगाया कि कांग्रेस ने आज तक किसी बीजेपी नेता को एंटी नेशनल नहीं कहा।
संजय सिंह ने कहा, “कल केजरीवाल के खिलाफ केस दर्ज किया गया है, वह वही केजरीवाल हैं जिन्होंने कांग्रेस के उम्मीदवारों के लिए प्रचार किया। कांग्रेस ने कभी किसी बीजेपी नेता के खिलाफ केस नहीं दर्ज कराया।” उन्होंने यह भी कहा कि कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के बीच हमेशा सहयोग रहा है, लेकिन अब कांग्रेस का रवैया बदल चुका है।
कांग्रेस का श्वेतपत्र और आरोप
इसी बीच, बुधवार को कांग्रेस ने आम आदमी पार्टी के खिलाफ एक श्वेतपत्र जारी किया। कांग्रेस ने इस श्वेतपत्र में दिल्ली सरकार की नाकामी के कई आरोप लगाए। कांग्रेस ने कहा कि दिल्ली में अपराध, अपहरण और महिला अत्याचार के मामले लगातार बढ़ रहे हैं और ये मामले न्यायपालिका में लंबित हैं। इसके अलावा, उन्होंने कहा कि दिल्ली में प्रदूषण के कारण 3 लाख लोगों की मौत हो चुकी है। कांग्रेस ने यह भी आरोप लगाया कि केजरीवाल ने दिल्ली को नफरत का बाजार बना दिया है और 2020 के दंगों में 53 लोग मारे गए थे।
कांग्रेस ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पर यह भी आरोप लगाया कि वह दलित आरक्षण खत्म करने के पक्षधर हैं और दिल्ली में दलितों के खिलाफ अत्याचार में चार गुना वृद्धि हुई है। कांग्रेस ने केजरीवाल पर यह भी आरोप लगाया कि उन्होंने दिल्ली में महिला सुरक्षा और बच्चों की शिक्षा के मुद्दों को नजरअंदाज किया है, जिसके कारण अपराध और उत्पीड़न में वृद्धि हुई है।
संजय सिंह का बयान
संजय सिंह ने कांग्रेस के आरोपों पर कड़ी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा, “कांग्रेस ने हमेशा हमें दोषी ठहराया है, लेकिन जब बीजेपी के साथ मिलकर चुनाव लड़ने की बात आती है तो वह चुप रहती है।” उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने कभी बीजेपी को चुनौती नहीं दी और हमेशा हमारे खिलाफ बयान दिए हैं। उन्होंने यह भी कहा कि जब तक कांग्रेस पार्टी अपनी सच्चाई को नहीं मानती और अपने कुकर्मों को स्वीकार नहीं करती, तब तक हम उनसे कोई उम्मीद नहीं रखते।
चुनाव के बाद का माहौल
यह विवाद दिल्ली के आगामी चुनावों से पहले और भी गरमाता जा रहा है। आम आदमी पार्टी और कांग्रेस के बीच यह जुबानी जंग चुनावी माहौल को और भी तिखा कर रही है। कांग्रेस और आम आदमी पार्टी दोनों एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप लगा रहे हैं, जबकि बीजेपी इस सियासी लड़ाई से किनारे बैठी है और देख रही है कि किसकी रणनीति ज्यादा प्रभावी रहती है।
आखिरकार, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के खिलाफ कांग्रेस के हमले और आम आदमी पार्टी की प्रतिक्रिया से यह साफ हो गया है कि दोनों दलों के बीच राजनीतिक दरार गहरी हो चुकी है। आम आदमी पार्टी ने कांग्रेस को बीजेपी के साथ साठगांठ करने और साजिश रचने का आरोप लगाया है, तो कांग्रेस ने आम आदमी पार्टी पर दिल्ली में प्रशासन की नाकामी और अपराध के मामलों में लापरवाही बरतने का आरोप लगाया है। अब यह देखना होगा कि आगामी चुनावों में दिल्ली की जनता किसे चुनती है और कौन जीतता है इस राजनीतिक जंग में।