एक्टिविस्ट सोनम वांगचुक और उनके डेढ़ सौ साथियों को दिल्ली पुलिस ने सोमवार रात सिंघु बॉर्डर पर हिरासत में ले लिया। यह कार्रवाई तब हुई जब वे लद्दाख से दिल्ली पहुंचे थे। आम आदमी पार्टी (आप) ने इस मामले को लेकर मोदी सरकार पर तीखा हमला किया है, इसे तुगलकी फरमान करार देते हुए सीधा निशाना साधा है।
मुख्यमंत्री आतिशी का थाने के बाहर प्रदर्शन
दिल्ली की मुख्यमंत्री आतिशी मंगलवार को बवाना थाने पहुंचीं, जहां उन्होंने सोनम वांगचुक से मिलने की कोशिश की। हालांकि, पार्टी का दावा है कि उन्हें मिलने नहीं दिया गया। इस दौरान थाने के बाहर समर्थकों ने विरोध प्रदर्शन किया। आप विधायक जय भगवान ने कहा, “अगर मुख्यमंत्री को मिलने नहीं दिया जा रहा है, तो आम आदमी की क्या हैसियत रह गई है?”
आतिशी ने कहा, “बीजेपी ने शांतिपूर्ण प्रदर्शन कर रहे सोनम वांगचुक को गिरफ्तार कर लिया है। लद्दाख के लोग एलजी राज नहीं चाहते; उन्हें अपनी चुनी हुई सरकार पर भरोसा है।” उन्होंने यह भी बताया कि उन्हें वांगचुक से मिलने की इजाजत नहीं मिली, और कहा कि “हम लद्दाख के लोगों के साथ हैं।”
सोनम वांगचुक की हिरासत की कहानी
दिल्ली बॉर्डर पर लद्दाख से पैदल मार्च करते हुए सोनम वांगचुक और उनके समर्थकों को पुलिस ने रोक दिया। 2 अक्टूबर को राजघाट पर धरना प्रदर्शन की उनकी योजना थी। इसके लिए भारी पुलिस बल की तैनाती की गई थी, जिससे सिंघु बॉर्डर पर जाम की स्थिति उत्पन्न हो गई। दिल्ली पुलिस ने कई लेन को बंद कर दिया और केवल एक लेन को चालू रखा, जिससे स्थिति और गंभीर हो गई।
नॉर्थ दिल्ली और सेंट्रल दिल्ली में प्रदर्शन की आशंका को देखते हुए पुलिस ने धारा 163 लागू की है, जिससे कोई भी सार्वजनिक सभा आयोजित नहीं की जा सकती।
सीएम केजरीवाल का बयान
इस मामले पर आप के संयोजक अरविंद केजरीवाल ने भी अपनी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा, “दिल्ली में कभी किसानों को रोका जाता है, कभी लद्दाख के लोगों को। क्या दिल्ली किसी एक व्यक्ति की बपौती है? यह सरासर गलत है। निहत्थे, शांतिपूर्ण लोगों से इन्हें डर किस बात का है?”