दिल्ली की राऊज एवेन्यू कोर्ट ने गुरुवार (25 जुलाई) को उत्पाद शुल्क नीति मामले में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की न्यायिक हिरासत 8 अगस्त तक बढ़ा दी है. मामले में केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) की शिकायत पर उन्हें झटका लगा. न्यूज एजेंसी एएनआई ने बताया कि केजरीवाल वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए सुनवाई में शामिल हुए.
बता दें कि, अरविंद केजरीवाल मनी लॉन्ड्रिंग मामले में 21 मार्च से जेल में बंद हैं और प्रवर्तन निदेशालय (ED) उनकी जांच कर रहा है. 10 मई को सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें लोकसभा चुनाव में प्रचार करने के लिए 21 दिन की अंतरिम जमानत दी थी. चुनाव होते ही वह 2 जून को जेल लौट आए.
पहले 25 जुलाई तक बढ़ी थी कस्टडी
पिछली सुनवाई में विशेष न्यायाधीश कावेरी बावेजा ने अरविंद केजरीवाल की न्यायिक हिरासत 25 जुलाई तक बढ़ा दी थी. उनकी पेशी तिहाड़ जेल से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए हुई थी. कोर्ट ने प्रवर्तन निदेशालय (ED) को केजरीवाल और अन्य आरोपियों के वकील को पूरक आरोप पत्र की एक प्रति उपलब्ध कराने का निर्देश दिया.
9 जुलाई को कोर्ट ने अरविंद केजरीवाल और आप के खिलाफ दायर पूरक आरोप पत्र पर संज्ञान लिया था. कोर्ट ने विनोद चौहान और आशीष माथुर के खिलाफ दायर पूरक आरोप पत्र पर भी संज्ञान लिया था. कोर्ट ने आरोप पत्र पर संज्ञान लिया था और अरविंद केजरीवाल, विनोद चौहान और आप के लिए प्रोडक्शन वारंट जारी किया था. जांच अधिकारी (IO) के माध्यम से आशीष माथुर को समन जारी किया गया था. दिल्ली उत्पाद शुल्क नीति से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में ये सातवीं और आठवीं पूरक चार्जशीट हैं.
प्रवर्तन निदेशालय ने 17 मई को अरविंद केजरीवाल और आम आदमी पार्टी के खिलाफ एक पूरक अभियोजन शिकायत (चार्जशीट) दायर की थी. अरविंद केजरीवाल को ईडी ने 21 मार्च को गिरफ्तार किया था. ईडी ने 1 जुलाई को विनोद चौहान और आशीष माथुर के खिलाफ एक और पूरक अभियोजन शिकायत दायर की थी.