दिल्ली में बाढ़ से मचा हाहाकार, गली-मोहल्ले डूबे, 16 हजार लोग किए गए शिफ्ट

राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में बाढ़ से हाहाकार मचा है। यमुना नदी खतरे के निशान से काफी ऊपर बह रही है। गुरुवार सुबह 7 बजे यमुना नदी का जलस्तर 208.46 मीटर दर्ज किया गया। यह खतरे के निशान 205 से तीन मीटर ऊपर है। इससे पहले कल दोपहर 1 बजे नदी बाढ़ के उच्चतम रिकॉर्ड 207.49 मीटर को पार कर गई। यमुना का जलस्तर बढ़ने से रिंग रोड आईटीओ में बाढ़ जैसी स्थिति उत्पन्न हुई, जिसके कारण सड़क यातायात प्रभावित हुआ। यमुना के आस-पास बसे मोहल्लों में बाढ़ का पानी भर गया है। दुकान-मकान तक डूब चुके हैं। लोग घरों की छत पर तो सड़कों किनारे शरण लिए हुए हैं। इधर यमुना के बढ़ते जल स्तर को लेकर एलजी ने गुरुवार को डीडीएमए की बैठक बुलाई है।

बाढ़ के कारण दिल्ली के जलग्रस्त इलाकों में सभी सरकारी प्राइवेट स्कूल बंद कर दिए गए है। मुख्यमंत्री केजरीवाल ने ट्वीट करते हुए इसका एलान किया। साथ ही बाढ़ के कारण वॉटर ट्रीटमेंट प्लांट भी बंद किया गया है। इससे राजधानी में पेयजल की किल्लत हो सकती है।

सीएम ने ट्वीट करते हुए लिखा कि यमुना में बढ़ते जल स्तर की वजह से वज़ीराबाद, चन्द्रावल और ओखला वॉटर ट्रीटमेंट प्लांट बंद करने पड़ रहे हैं। इस वजह से दिल्ली के कुछ इलाक़ों में पानी की परेशानी होगी। जैसे ही यमुना का पानी कम होगा, इन्हें जल्द से जल्द चालू करने की कोशिश करेंगे।

दिल्ली के निचले इलाकों में रहने वाले 16 हजार से ज्यादा लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है। आईएसबीटी कश्मीरी गेट पर 3 से 4 फीट पानी भरा है। बाढ़ के चलते निगम बोध घाट बंद कर दिया गया है। ‘लोहा पुल’ इलाके में लोग घरों और मंदिर की छतों पर रहने के लिए मजबूर हैं। आज यमुना का पानी बढ़ने के चलते जीटी करनाल रोड पर पानी आ गया, जिससे ट्रैफिक काफी प्रभावित हुआ।

दिल्ली बाढ़ के बीच लोगों से कहा गया है कि चूंकि यमुना नदी में बाढ़ की स्थिति बनी हुई है, इसलिए बिजली लाइन से दूर रहें और किसी भी जरूरत की स्थिति में हेल्पलाइन नंबर 1077 पर संपर्क करें। बाढ़ के कारण सिविल लाइंस जोन के निचले इलाकों में 10 स्कूल बंद कर दिए गए है।

दिल्ली में यमुना के बढ़ते जलस्तर ने 45 साल का रिकॉर्ड तोड़ दिया है। बुधवार दोपहर दो बजे नदी का जलस्तर 207.55 मीटर तक जा पहुंचा। जो पिछले 45 साल में सर्वाधिक है। दोपहर 12 बजे नदी का जलस्तर 207.48 था। दो घंटे में 7 सेंटीमीटर की बढ़ोतरी दर्ज की गई। इससे पहले 1978 में नदी का जलस्तर 207.49 मीटर तक पहुंचा था। अभी भी यमुना के जलस्तर में लगातार बढ़ोतरी जारी है।

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