दिल्ली की नई मुख्यमंत्री आतिशी ने सोमवार को अपना पदभार ग्रहण किया। खास बात ये है कि उन्होंने उस कुर्सी पर नहीं बैठने का फैसला किया, जिस पर पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल बैठते थे। इसके बजाय, आतिशी ने अपने पास एक खाली कुर्सी रखी और कहा कि यह केजरीवाल की कुर्सी है। उन्होंने इसे एक प्रतीक के रूप में पेश किया, यह दर्शाते हुए कि वे केजरीवाल की विरासत को आगे बढ़ाना चाहती हैं।
भरत की तरह करेंगी काम
आतिशी ने अपनी शपथ के दौरान कहा कि वे अगले चार महीने भरत जी की भावना के साथ काम करेंगी। उन्होंने कहा, “जैसे भरत जी ने भगवान श्रीराम के खड़ाऊं रखकर काम किया, वैसे ही मैं इस कुर्सी का सम्मान करते हुए काम करूंगी।” यह बयान उनके समर्पण और सम्मान को दर्शाता है।
बीजेपी पर हमला
आतिशी ने शपथ लेने के बाद बीजेपी और केंद्र सरकार पर भी हमला किया। उन्होंने कहा कि अरविंद केजरीवाल ने राजनीति में नैतिकता और गरिमा का उदाहरण पेश किया है, लेकिन पिछले दो वर्षों में बीजेपी ने उन पर कीचड़ उछालने का काम किया। उन्होंने यह भी बताया कि केजरीवाल को छह महीने जेल में रखा गया, जबकि कोर्ट ने कहा कि उनकी गिरफ्तारी राजनीतिक द्वेष से भरी थी।
विभागों का कार्यभार
आतिशी ने 13 महत्वपूर्ण विभागों का कार्यभार अपने पास रखा है, जो पहले केजरीवाल के पास थे। इनमें शिक्षा, वित्त, बिजली और लोक निर्माण विभाग शामिल हैं। इसके अलावा, नए मंत्री मुकेश अहलावत को श्रम और भूमि एवं भवन विभाग की जिम्मेदारी दी गई है। गोपाल राय को विकास और पर्यावरण विभाग का कार्यभार सौंपा गया है। इससे साफ है कि आतिशी अपनी टीम को सही दिशा में ले जाना चाहती हैं।