दिल्ली में राजनीति के नए मोड़ के साथ, आम आदमी पार्टी (आप) ने आतिशी को आगामी मुख्यमंत्री के रूप में चुन लिया है। सोमवार को हुई पार्टी की विधायक दल की बैठक में अरविंद केजरीवाल ने आतिशी के नाम का प्रस्ताव रखा, जिसे सभी विधायकों ने एकमत से स्वीकार कर लिया। यह निर्णय दिल्ली की राजनीति में एक महत्वपूर्ण बदलाव को दर्शाता है।
पॉलिटिकल अफेयर्स कमेटी ने सुझाया नाम
इससे पहले, आम आदमी पार्टी की पॉलिटिकल अफेयर्स कमेटी (PAC) ने भी आतिशी के नाम की सिफारिश की थी। PAC की बैठक सोमवार को हुई, जिसमें पार्टी के वरिष्ठ नेताओं ने आतिशी की क्षमताओं और अनुभव को देखते हुए उनके नाम पर सहमति जताई। इस प्रस्ताव ने पार्टी के भीतर आतिशी के नेतृत्व के लिए समर्थन को मजबूत किया।
कैसा रहा आतिशी का राजनीतिक सफर
आतिशी का राजनीतिक करियर काफी सक्रिय और प्रभावशाली रहा है। वह आम आदमी पार्टी की संस्थापक सदस्य हैं और दिल्ली की शिक्षा प्रणाली में सुधार के लिए महत्वपूर्ण योगदान दे चुकी हैं। उनके नेतृत्व में शिक्षा क्षेत्र में कई सकारात्मक बदलाव आए हैं, जिससे मुख्यमंत्री बनने की उनकी संभावनाएं और मजबूत हो गई थीं।
विधायकों की सहमति
विधायक दल की बैठक में अरविंद केजरीवाल ने आतिशी के नाम का प्रस्ताव रखा, जिसे सभी विधायकों ने समर्थन किया। यह समर्थन आतिशी की पार्टी के अंदर लोकप्रियता और क्षमताओं को दर्शाता है। केजरीवाल ने इस अवसर पर कहा कि आतिशी की नेतृत्व क्षमता और काम करने की क्षमता पार्टी के लिए लाभकारी होगी।
सीएम केजरीवाल का इस्तीफा
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने रविवार, 15 सितंबर को मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने की घोषणा की। उन्होंने कहा कि वे उप-राज्यपाल विनय सक्सेना से आज शाम मुलाकात करेंगे और अपना इस्तीफा सौंप देंगे। यह फैसला उन्होंने पार्टी कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए लिया।
केजरीवाल का इस्तीफे का कारण
केजरीवाल ने अपने इस्तीफे की घोषणा करते हुए कहा कि वे अग्निपरीक्षा देना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि जब तक लोग उन्हें ईमानदारी का प्रमाणपत्र नहीं दे देंगे, तब तक वे मुख्यमंत्री की कुर्सी पर नहीं बैठेंगे। इसके साथ ही उन्होंने आगामी नवंबर में महाराष्ट्र के साथ चुनाव कराने की अपील की।
मुख्यमंत्री पद के लिए ये नाम भी थे चर्चा में
पार्टी के अंदरूनी सूत्रों के अनुसार, मुख्यमंत्री पद के संभावित दावेदारों के रूप में आतिशी, दिल्ली के मंत्री गोपाल राय, कैलाश गहलोत और सौरभ भारद्वाज के नाम चर्चा में थे।