नई दिल्ली: राजधानी दिल्ली की तिहाड़ जेल में बंद कश्मीर के अलगाववादी नेता और जम्मू-कश्मीर लिबरेशन फ्रंट के प्रमुख यासीन मलिक को आज दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने 24 मई तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया है। तिहाड़ जेल प्रशासन ने भी अर्ज़ी दाखिल कर यासीन मलिक को सुरक्षा कारणों से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के ज़रिये पेश करने का आदेश दिए जाने की मांग की। कोर्ट ने इस पर डिफेंस काउंसिल जवाब मांगा है।
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वहीं, खबर यह भी है कि जम्मू कश्मीर की पू्र्व मुख्यमंत्री और पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने यासीन मलिक को न्यायिक हिरासत में भेजने के फैसले की खिलाफत की है। महबूबा मुफ्ती ने यासीन मलिक के गिरते स्वास्थ्य के मद्देनजर उन्हें तत्काल प्रभाव से रिहा करने की अपील की है। इसके अलावा महबूबा ने जमात-ए-इस्लामी के अन्य सदस्यों को भी रिहा करने की मांग की।
गौर हो कि अलगाववादियों और आतंकी संगठनों को वित्तीय मदद मुहैया कराने संबंधी मामले में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) द्वारा गिरफ्तार किए गए मलिक ने 19 अप्रैल को सीने में दर्द की शिकायत की थी। उन्हें मेडिकल जांच के लिए राम मनोहर लोहिया अस्पताल भेजा गया और नियमित जांच के बाद डॉक्टरों ने उन्हें छुट्टी दे दी। उसके बाद से वह न्यायिक हिरासत में तिहाड़ जेल में हैं।