जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय देशद्रोह मामले में दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने पुलिस को कड़ी फटकार लगाई और ताबड़तोड़ सवाल पूछे.
कोर्ट ने दिल्ली पुलिस से पूछा कि आखिर मामले में चार्जशीट दाखिल करने से पहले केजरीवाल सरकार से इजाजत क्यों नहीं ली गई? क्या आपके पास लीगल डिपार्टमेंट नहीं है? अदालत ने कहा कि जब तक दिल्ली सरकार इस मामले में चार्जशीट दाखिल करने की इजाजत नहीं दे देती है, तब तक वो इस पर संज्ञान नहीं लेगी.
सरकार की अनुमति के बगैर दाखिल की चार्जशीट
अदालत ने दिल्ली पुलिस से यह भी पूछा कि आखिर आप दिल्ली सरकार की इजाजत के बिना चार्जशीट क्यों दाखिल करना चाहते हैं? दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट की फटकार के बाद दिल्ली पुलिस ने कहा कि वह मामले में 10 दिन के अंदर केजरीवाल सरकार से अनुमति ले लेगी. इसके बाद कोर्ट ने मामले की सुनवाई 6 फरवरी तक के लिए टाल दी. साथ ही कोर्ट ने दिल्ली पुलिस से कहा कि वो पहले इस चार्जशीट पर दिल्ली सरकार की अनुमति लेकर आएं.
पुलिस को लगा तगड़ा झटका
दिल्ली के पटियाला कोर्ट के इस फैसले को दिल्ली पुलिस के लिए तगड़ा झटका माना जा रहा है. दरअसल दिल्ली पुलिस ने जेएनयू देशद्रोह मामले में 14 जनवरी 2018 को 1200 पन्नों की चार्जशीट दाखिल की थी.
क्या है मामला
बता दें कि फरवरी 2016 में जेएनयू में एक कार्यक्रम के दौरान कथित तौर पर देश विरोधी नारेबाजी करने के आरोप में दिल्ली पुलिस ने जेएनयू के पूर्व छात्र संघ अध्यक्ष कन्हैया कुमार, छात्र नेता उमर खालिद और अनिर्बान भट्टाचार्य को मुख्य आरोपी बनाया है. इस मामले में इन तीनों को जेल भी जाना पड़ा था. हालांकि बाद में कोर्ट से इनको जमानत मिल गई थी. तब से तीनों जमानत पर बाहर चल रहे हैं.
7 कश्मीरी छात्रों को भी बनाया आरोपी