दिल्ली यूनिवर्सिटी के छात्र जल्द दिल्ली पुलिस के साथ काम करते हुए दिखाई पड़ सकते हैं या इसे यूं कहें कि दिल्ली यूनिवर्सिटी के फोरेंसिक साइंस के छात्रों को इंटर्न के रूप में क्राइम सीन पर जा सकते हैं। इसके लिए डीयू दिल्ली पुलिस से संपर्क करने की प्लान बना रहा है ताकि छात्रों को इंवेस्टिगेशन टीम के साथ घटनास्थल पर जाने की अनुमति मिल सके। डीयू के ह्यूमन साइंस डिपार्टमेंट ने इसके लिए एक प्रस्ताव तैयार किया है जिसे यूनिवर्सिटी की एकेडमिक काउंसिल के सामने मंजूरी के लिए रखा जाएगा, जिसकी बैठक कल यानी 12 जुलाई को होगी।
पुलिस को लिखा जाएगा रिकमेंडेशन लेटर
एक अधिकारी ने इसकी जानकारी देते हुए बताया कि डिपार्टमेंट जिलों के पुलिस उपायुक्तों (डीसीपी) को एक रिकमेंडेशन लेटर (एलओआर) लिखेगा, ताकि उनके छात्रों को फील्ड एक्सपीरिएंय मिलने में मदद हो सके। इस प्रस्ताव में अंतिम सेमेस्टर के छात्रों के लिए एमएससी फोरेंसिक साइंस सिलेबस में थोड़ा संशोधन करने की मांग की गई है, ताकि पुलिस स्टेशनों के माध्यम से क्राइम स्थलों का दौरा शामिल किया जा सके।
छात्र करेंगे इंटर्नशिप
अधिकारी ने बताया, “फाइनल ईयर के छात्र एक तरह से दिल्ली पुलिस के अधीन इंटर्नशिप करेंगे, ताकि वे क्राइम सीन पर जाकर फोरेंसिक एविडेंस के कलेक्शन को देख सकें।” प्रस्ताव के बारे में और जानकारी देते हुए एक अन्य अधिकारी ने कहा कि छात्रों को फोरेंसिक साइंस लैब में ट्रेनिंग दी जाएगी और उन्हें कोर्ट रूम और केस एथनोग्राफी के एक्सपीरिएंस के आधार पर एक प्रोजेक्ट रिपोर्ट तैयार करने के लिए कहा जाएगा।
होगा रियल एक्सपीरिएंस हासिल
गौरतलब है कि इससे पहले, अंतिम सेमेस्टर के एमएससी फोरेंसिक साइंस के छात्र अपने सिलेबस का हिस्सा होने वाले क्राइम सीन पर जाने की परमिशन खुद ही हासिल कर लेते थे, लेकिन अब डिपार्टमेंट डीसीपी को औपचारिक रूप से एक एलओआर लिखने की प्लानिंग बना रहा है, ताकि उनके छात्र क्राइम सीन पर जा सकें और फोरेंसिक एविडेंस कैसे जुटाए जाते हैं, इसका रियल एक्सपीरिएंस हासिल कर सकें।
बेहतर तजुर्बा हासिल करने में मदद
अधिकारी ने कहा, “हमने एमएससी फोरेंसिक साइंस के सिलेबस में कोई बदलाव नहीं किया है। हमने केवल सिलेबस की सब्जेक्ट मैटर में बेहतर स्पष्टता लाने और फाइनल ईयर के छात्रों को ट्रेनिंग देने, अपनी प्रोजेक्ट रिपोर्ट तैयार करने और फील्ड एक्सपोजर हासिल करने की प्रक्रिया को परिभाषित करने के लिए मामूली संशोधनों का प्रस्ताव दिया है।” अधिकारी ने आगे बताया कि अपनी प्लानिंग के तहत यूनिवर्सिटी का ह्यूमन साइंस डिपार्टमेंट अपने छात्रों को केस स्टडी उपलब्ध कराने के लिए प्रतिष्ठित वकीलों से भी संपर्क करेगा। इससे छात्रों को और बेहतर तजुर्बा हासिल करने में मदद मिलेगी।