देवबंद ने जारी किया नया फतवा, इस्लाम में नाखून बढ़ाना, नेल पॉलिश लगाना नाजायज
सहारनपुर: दारुल उलूम देवबंद ने नेल पॉलिश को इस्लाम के खिलाफ और नाजायज माना है, जिसके कारण उन्होंने एक महिला के खिलाफ फतवा जारी किया है. दारुल उलूम के मुफ्ती इशरार गौरा का कहना है कि महिलाओं को अपने नाखूनों पर नेल पॉलिश नहीं बल्कि उसकी जगह मेहंदी का इस्तेमाल करना चाहिए. ये पहली बार नहीं जब दारुल उलूम देवबंद ने अजीबोगरीब फतवा जारी किया है. इससे पहले भी कभी महिलाओं के बाल काटने तो कभी फैंसी लिबास पहनने को लेकर फतवा जारी होता रहा है.
फतवा हुआ जारी
विश्व प्रसिद्ध इस्लामिक शिक्षण संस्था दारुल उलूम देवबंद ने महिलाओं की उंगलियों पर लगाई जाने वाली नेल पॉलिश लगाने के खिलाफ फतवा जारी किया है. साथ ही कुछ शर्तो के साथ इसके इस्तेमाल की इजाजत दी है. मुफफ्फरनगर के गांव तेवड़ा के निवासी मोहम्मद तुफेल ने दारुल उलूम देवबंद के इफ्ता विभाग से महिलाओं के नेल पॉलिश लगाने पर सवाल किया था कि शादी-निकाह के समय या बाकी मौकों पर महिलाओं का नेल पॉलिश लगाना कितना सही है? मर्दो और औरतों के लिए नाखून बढ़ाना जायज है? इस पर दारुल उलूम देवबंद के इफ्ता विभाग के मुफ्तियों की खंड पीठ ने फतवा जारी करते हुए कहा कि औरत के लिए नेल पॉलिश लगाने की गुंजाइश है, लेकिन शर्त ये है कि उसमें कोई नापाक चीन न मिली हो.
क्या लिखा है फतवे में
फतवे में साफ किया गया कि नेल पॉलिश से नाखून पर रंग की पर्त जम जाती है. जब तक उसे साफ न किया जाए पानी नाखून तक नहीं पहुंच सकता. ऐसी स्थिति में वजू नहीं हो सकती है और न ही गुसल की जा सकतीय जबकि वजू व फर्ज गुसल से पहले नाखून पर जमी हुई रंग की परत को साफ करना जरूरी होगा. वहीं नाखून रखने पर कहा गया कि आदमी और औरत दोनों के लिए ही इस्लाम में नाखून बढ़ाना नाजायज है. 40 दिन के बाद भी नाखून नहीं काटना मकरूह है.
मजलिस इत्तेहाद ए मिल्लत के प्रदेश अध्यक्ष मुफ्ती अहमद गॉड ने दारुल उलूम देवबंद की तरफ से जारी फतवे को पूरी तरह सही बताया है. साथ ही उन्होंने कहा कि औरतों को सजने-संवरने से इस्लाम बिल्कुल नहीं रोकता, लेकिन ऐसी चीजे जिनके उपयोग से किसी भी फर्ज की अदायगी में परेशानी होती हो तो उससे बचाव जरूरी है.