प्रदेश के सरकारी अस्पताल व मेडिकल कॉलेजों में बच्चों को और बेहतर इलाज मिलेगा। बेड के लिए इंतजार भी नहीं करना होगा। प्रदेश सरकार जल्द ही अस्पतालों में 352 पीआईसीयू (पीडियाट्रिक इंटेसिव केयर यूनिट) बेड बढ़ाने जा रही है। यूनिट का निर्माण कार्य जल्द पूरा होगा। इससे एक्यूट इनसेफेलाइट सिंड्रोम (एईएस), जापानी इनसेफेलाइटिस (जेई), सांस लेने में दिक्कत, तेज बुखार समेत दूसरी गंभीर बीमारी से पीड़ित बच्चों को भर्ती किया जाएगा। 24 घंटे बच्चों की सेहत की निगरानी होगी।
प्रदेश में हर साल करीब 5382299 शिशुओं का जन्म हो रहा है। एक साल के दौरान लगभग 5099365 बच्चे एक साल जीवित रहते हैं। जबकि 282934 बच्चों की मृत्यु पांच साल के भीतर हो जाती है। बच्चों की मृत्युदर को घटाने की दिशा में प्रदेश सरकार लगातार प्रयास कर रही है। इसी कड़ी में प्रदेश के 88 जिला अस्पताल, संयुक्त चिकित्सालय और मेडिकल कॉलेजों में पीआईसीयू का निर्माणकार्य कराया जा रहा है। नेशनल हेल्थ मिशन (एनएचएम) की ओर से पीआईसीयू को आधुनिक सुविधा व उपकरणों से लैस किया जाएगा। वेंटिलेटर भी होंगे। 12 साल तक के बच्चों को भर्ती कर इलाज मुहैया कराया जा सकेगा।
प्रदेश में इन -इन जगहों पर खुलेगा PICU
यूपी के 72 जनपदों में पीआईसीयू का निर्माण चल रहा है। लखनऊ, आगरा, अलीगढ़, औरेया, बागपत, बुलन्दशहर, एटा, इटावा, फिरोजाबाद, जीबी नगर, गाजियाबाद, हापुड़, हाथरस, झांसी, मैनपुरी, मथुरा, मेरठ, बिजनोर, बदायुं, फर्रुखाबाद, हरदोई, जेपी नगर, कासगंज, लखमीपुर खीरी, मुरादाबाद, मुजफ्फरनगर, पीलीभीत, रामपुर, सहारनपुर, सम्भल, शाहजहांपुर, शामली, बहराइच, बलरामपुर, बांदा, बाराबंकी, बस्ती, अयोध्या, फतेहपुर, गोण्डा, हमीरपर, जालौन, कानपुर देहात कानपुर नगर, रायबरेली, संतकबीरनगर, श्रावस्ती, सिद्धार्थनगर, उन्नाव, प्रयागराज अम्बेडकरनगर, ललितपुर महोबा, आजमगढ़, बलिया, चन्दौली, चित्रकूट, देवरिया, गाजीपुर, गोरखपुर, जौनपुर, कुशीनगर, महाराजगंज, मऊ, प्रतापगढ़, संत रविदासनगर, सोनभद्र सुल्तानपुर, कन्नौज, मिर्जापुर, सीतापुर एवं वाराणसी के कुल 88 जिला अस्पताल, संयुक्त चिकित्सालय, मेडिकल कॉलेजों में ईसीआरपी-2 कार्यक्रम के तहत चार बेड के पीआईसीयू निर्माणाधीन है। इस प्रकार कुल 352 पीआईसीयू बेड बढ़ाये जाएंगे।