नई दिल्ली: एक तरफ कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह ने भोपाल में प्रचार के लिए कन्हैया कुमार को बुलाया है तो वहीं दूसरी तरफ उन्होंने मंदिरों के पुजारियों से समर्थन मांगा है। भोपाल और उसके आसपास के छोटे-बड़े एक हजार मंदिरों के पुजारियों को आास्त किया गया है कि उनको मंदिर से लगी जमीन का सरकारी पट्टा दिया जाएगा। इस मामले में पुजारियों को कहा गया है कि वह कांग्रेस का साथ दें, उनके मानदेय(मासिक राशि) समेत सभी समस्याओं का समाधान किया जाएगा।
इसके साथ-साथ दिग्विजय सिंह के प्रचार के लिए लगभग 3000 भगवाधारी (साधु-संत) भी उतारे जा रहे हैं। कांग्रेस की मानें तो इनमें से कुछ ने तो नामदेव त्यागी उर्फ कम्प्यूटर बाबा के साथ भोपाल में प्रचार करना भी शुरू कर दिया है। दिग्विजय अपने खिलाफ भाजपा उम्मीदवार प्रज्ञा ठाकुर की भगवाधारी छवि से मुकाबला करने के लिए हिंदुत्व और मां नर्मदा का अधिक जाप कर रहे हैं। दिग्विजय सिंह अपने साथियों से कह रहे हैं कि उनके खिलाफ बनाई गई इस धारणा को समाप्त करने का प्रयास करें कि वह हिंदुओं की अपेक्षा मुस्लिमों के अधिक करीब हैं।
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इस क्रम में दिग्विजय सिंह अपने को अधिक धार्मिक दिखाने का कोई मौका हाथ से नहीं जाने दे रहे हैं। भोपाल के जिस मंदिर में उन्हें ले जाया जा रहा है वहां जा रहे हैं। हनुमान जयंती पर वह 20 मंदिरों में गए। सुबह पांच बजे से उन्होंने मंदिरों के दर्शन करना शुरू कर दिया। दिग्विजय सिंह को अधिक धार्मिक दिखाने के लिए राज्य के धर्मस्व मामलों के मंत्री पीसी शर्मा की भी कम भूमिका नहीं है। शर्मा इससे इंकार भी नहीं करते। उन्होंने कहा कि मध्य प्रदेश में कांग्रेस की सरकार ने धार्मिक स्थलों के लिए बहुत काम किया है। शर्मा ने कहा कि मंदिरों के पुजारियों का मानदेय तीन गुना बढ़ाया गया है। हर जिले में गोशालाओं के लिए 30 लाख रुपये दिए गए हैं।
उन्होंने कहा कि गोरक्षा समेत प्रमुख मंदिरों पर यात्री निवास और धर्मशालाओं का निर्माण कराया जा रहा है। उन्होंने कहा कि भगवान श्रीराम मध्य प्रदेश में जिन स्थलों से गुजरे थे, उस पर राम पथ का निर्माण कराया जा रहा है। शर्मा ने कहा कि कांग्रेस की सरकार ने हिंदुओं की भावनाओं का भाजपा से अधिक ख्याल रखा है तो उसकी र्चचा तो की ही जाएगी।