मां लक्ष्मी के आठ स्वरूप
- आदि लक्ष्मी: यह मां लक्ष्मी का पहला स्वरूप है, जिसे मूल लक्ष्मी या महालक्ष्मी भी कहा जाता है। कहा जाता है कि इनकी पूजा से जीवन की उत्पत्ति होती है और भक्त मोक्ष की प्राप्ति करते हैं।
- धन लक्ष्मी: इस स्वरूप में देवी के एक हाथ में धन का कलश और दूसरे में कमल का फूल होता है। इनकी पूजा से आर्थिक परेशानियां दूर होती हैं और कर्ज से मुक्ति मिलती है।
- धान्य लक्ष्मी: इसे अन्न संपदा का प्रतीक माना जाता है। जहां अन्न का सम्मान किया जाता है, वहां यह देवी वास करती हैं।
- गजलक्ष्मी: इस स्वरूप में मां हाथी पर विराजमान होती हैं। यह कृषि और उर्वरता की देवी हैं, और इनकी पूजा से संतान सुख प्राप्त होता है।
- संतान लक्ष्मी: मां लक्ष्मी का यह स्वरूप चार हाथों वाली होती हैं और गोद में स्कंद को धारण किए होती हैं। यह भक्तों की रक्षा करती हैं।
- वीर लक्ष्मी: भक्तों को साहस और वीरता देने वाली इस देवी के आठ भुजाएं होती हैं। इनकी कृपा से युद्ध में विजय मिलती है।
- विजय लक्ष्मी: इस स्वरूप की पूजा से जीवन के हर क्षेत्र में सफलता मिलती है। यह यश और कीर्ति का वरदान देती हैं।
- विद्या लक्ष्मी: ज्ञान, कला और कौशल की देवी। इनकी पूजा से शिक्षा के क्षेत्र में सफलता प्राप्त होती है।
कैसे करें पूजा?
दिवाली के दिन मां लक्ष्मी के इन आठ स्वरूपों की पूजा करने से इन सभी गुणों और फल की प्राप्ति होती है। आप दीप जलाकर, फूल चढ़ाकर और मिठाई अर्पित करके मां लक्ष्मी का ध्यान करें। मन में श्रद्धा और भक्ति होनी चाहिए।
इस दिवाली, मां लक्ष्मी के इन आठ स्वरूपों की पूजा करके सुख, समृद्धि और शांति की कामना करें। इससे आपके जीवन की सभी परेशानियां दूर हो सकती हैं।