दिवाली का पर्व पूरे देश में धूमधाम से मनाया जाता है, जिसमें भगवान गणेश, माता लक्ष्मी और माता सरस्वती की पूजा होती है। इस साल दिवाली की तारीख को लेकर थोड़ी उलझन थी, क्योंकि सरकारी कार्यालयों में 31 अक्टूबर को छुट्टी घोषित की गई है। लेकिन ज्योतिषाचार्यों के अनुसार, दिवाली का त्योहार 1 नवंबर को भी मनाया जा सकता है। आइए जानते हैं 31 अक्टूबर और 1 नवंबर को लक्ष्मी पूजा का शुभ मुहूर्त और पूजा विधि।
31 अक्टूबर को लक्ष्मी पूजा का शुभ मुहूर्त
पंचांग के अनुसार, 31 अक्टूबर को लक्ष्मी पूजा का शुभ मुहूर्त शाम 5 बजकर 37 मिनट से 8 बजकर 45 मिनट तक रहेगा। इस समय के दौरान देवी लक्ष्मी की पूजा करना सबसे उचित माना जाता है। इस दिन लक्ष्मी पूजन का शुभ मुहूर्त शाम 5 बजे से मध्य रात्रि तक रहेगा।
1 नवंबर को लक्ष्मी पूजा का शुभ मुहूर्त
1 नवंबर को लक्ष्मी पूजा के लिए शुभ मुहूर्त शाम 5 बजकर 36 मिनट से लेकर 6 बजकर 16 मिनट तक रहेगा। इस दौरान भक्तों के पास पूजा करने के लिए कुल 41 मिनट का समय होगा।
दिवाली पूजा विधि
दिवाली के दिन मां लक्ष्मी की पूजा करने के लिए सुबह जल्दी उठकर पूरे घर की साफ-सफाई करना जरूरी है। ध्यान रखें कि घर के किसी भी कोने में धूल या गंदगी नहीं होनी चाहिए। सफाई के बाद स्नान करें और स्वच्छ वस्त्र पहनें। इसके बाद घर के मंदिर या पूजा स्थल पर पूजा-अर्चना करें और घर की सजावट करें, जिसमें रंगोली बनाना भी शामिल है।
पूजा की तैयारी
शाम को मां लक्ष्मी की पूजा के लिए एक चौकी पर लाल कपड़ा बिछाएं और उस पर लक्ष्मी और गणेश जी की प्रतिमा स्थापित करें। धन की पूजा भी इस दिन की जाती है, इसलिए पूजा स्थल पर धन जरूर रखें। कुबेर जी की तस्वीर या प्रतिमा भी स्थापित करें। पूजा स्थल को फूल, रंगोली और चंदन से सजाएं।
पूजा विधि
अब शुद्ध घी का दीपक और सुगंधित धूप जलाकर गणेश जी, लक्ष्मी जी और कुबेर जी को रोली, अक्षत, फूल आदि अर्पित करें और आरती करें। पूजा के बाद भोग लगाएं। इस दिन मां लक्ष्मी को खीर का भोग लगाना बहुत शुभ माना जाता है। अंत में पूरे घर में दीपक जलाएं ताकि वातावरण प्रकाशमय हो जाए।