इस साल पूरे देश में होली का उत्सव 21 मार्च को मनाया जाएगा. रंगों के इस त्योहार से एक दिन पहले होलिका दहन किया जाता है. माना जाता है कि अगर आप दरिद्रता से मुक्ति पाना चाहते हैं, तो इस दिन शरीर पर उबटन लगाकर उसके अंश को होलिका में डालें. ऐसा करने से घर में सुख-समृद्धि आने के साथ गरीबी भी दूर होती है. लेकिन होलिका दहन करते समय कुछ सावधानियां बरतनी जरूरी होती हैं.
होलिका दहन में इन बातों का ध्यान रखें-
– सही मुहूर्त पर होलिका दहन करें.
– होलिका दहन पूर्णिमा के अंतिम भाग में यानी भद्रा रहित काल में होगा.
– होलिका दहन का मुहूर्त- 20 मार्च बुधवार रात 9:05 से 11:31 के बीच होगा, क्योंकि यह समय भद्रा रहित होगा. इसलिए शाम को होलिका दहन का समय रखा गया है.
– होलिका दहन स्थान पर पहले गंगाजल से शुद्ध करें.
– होलिका डंडा बीच में रखें. चारों तरफ सूखे उपले, सूखी लकड़ी, सूखी घास रखें. तब अग्नि जलाएं और होलिका दहन करें.
होलिका दहन स्थल पर पूजा करें-
– होलिका दहन से पहले पूजा करें.
– पूजा में दीपक, धूप, एक माला, गन्ना, चावल, काले तिल, कच्चा सूत, पानी का लोटा, पापड़ चढ़ाएं.
– पूजा में हनुमान जी और शीतला माता को प्रणाम करें.
– होलिका दहन में चावल, आम और नीम की लकड़ी चने की झाड़, पापड़ और गेंहू की बालियां डालें और होलिका दहन की अगली सुबह यानी होली वाले दिन होलिका दहन के स्थान पर एक लोटा ठंडा पानी डालें.