क्या आप जानते हैं विजयदशमी का पर्व क्यों मनाया जाता है ? अगर नहीं तो जान लीजिए पूरी कहानी !

Mythological stories of dussehra: शारदीय नवरात्रि के 9 दिन मां नवदुर्गा की उपासना करने के पश्चात 10 वें दिन यानी कि विजयदशमी पर प्रभु श्री राम की पूजा की जाती है और विजयदशमी का त्योहार पूरे हर्षो उल्लास के साथ  मनाया जाता है। हिंदू धर्म में विजयादशमी को बुराई पर अच्‍छाई की विजय के प्रतीक के रूप में मनाया जाता है। मान्‍यता है कि इस दिन अयोध्या के राजा राम ने लंका के राजा रावण का वध किया था।

तभी से हर वर्ष  लोग आश्विन महीने  के शुक्‍ल पक्ष की दशमी तिथि को दशहरे के तौर पर मनाते हैं। इस दिन रावण के पुतले का दहन करके विजय दशमी का पर्व मनाया जाता है। इस वर्ष दशहरा 5 अक्‍टूबर दिन बुधवार को मनाया जा रहा है और इस दिन देश भर में भिन्न -भिन्न स्थानों पर रावण के पुतले का दहन किया जाएगा। आइए आपको बताते हैं इस पर्व को मनाने के पीछे क्‍या हैं पौराणिक मान्‍यताएं।

14 साल के वनवास के दौरान लंका का राजा रावण ने जब माता सीता का अपहरण किया तो प्रभु श्री राम ने हनुमान जी को माता सीता को खोजने के लिए भेजा। बजरंगबली को माता सीता का पता लगाने में कामयाबी प्राप्‍त हुई और उन्‍होंने लंकापति रावण को बहुत समझाया कि माता सीता को ससम्मान भगवान श्रीराम के पास पहुंचा दें। लंकापति ने हनुमानजी की एक न मानी और अपनी मृत्यु को आमंत्रण दे डाला।

मर्यादा पुरुषोत्‍तम श्रीराम ने जिस दिन लंकापति रावण का वध किया उस दिन शारदीय नवरात्र की दशमी तिथि थी। भगवान राम ने 9 दिन तक मां दुर्गा की उपासना की और फिर 10 वें दिन यानी दशमी तिथि को रावण पर विजय प्राप्‍त की, इसलिए इस पर्व को विजयादशमी के रूप में पूरे हर्षो उल्लास के साथ मनाया जाता है। रावण के बुरे कर्मों पर मर्यादा पुरसोत्तम राम की अच्‍छाइयों की विजय हुई, इसलिए इसे बुराई पर अच्छाई की विजय के पर्व के रूप में भी मनाते हैं। इस दिन लंकापति रावण के साथ उसके पुत्र मेघनाद और उसके भाई कुंभकरण के पुतले भी दहन किए जाते हैं।

Related Articles

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Stay Connected

0FansLike
0FollowersFollow
0SubscribersSubscribe

Latest Articles