अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव के परिणामों के बाद एक नया टॉपिक चर्चा में आया है, जिसे ‘प्रोजेक्ट 2025’ कहा जा रहा है। खासकर, जब से डोनाल्ड ट्रंप राष्ट्रपति बने हैं, तब से इस प्रोजेक्ट पर ज्यादा ध्यान दिया जा रहा है। इस प्रोजेक्ट के तहत एक बड़ा सवाल उठाया जा रहा है कि क्या अमेरिका की प्रमुख जांच एजेंसी, फेडरल ब्यूरो ऑफ इनवेस्टिगेशन (एफबीआई) को खत्म कर दिया जाएगा और उसे दूसरी एजेंसियों के तहत समाहित कर दिया जाएगा। आइए जानते हैं एफबीआई के काम, प्रोजेक्ट 2025 के तहत संभावित बदलाव और ट्रंप का इस पर क्या रुख है।
एफबीआई क्या करती है?
एफबीआई (फेडरल ब्यूरो ऑफ इनवेस्टिगेशन) अमेरिका की न्याय विभाग के अंतर्गत काम करने वाली एक प्रमुख जांच एजेंसी है। यह दो मुख्य कार्य करती है – पहला, संघीय अपराधों की जांच करना और दूसरा, देश की आंतरिक सुरक्षा को सुनिश्चित करना। एफबीआई को 200 से ज्यादा प्रकार के संघीय अपराधों की जांच करने का अधिकार है। इसकी शुरुआत 1898 में ‘ब्यूरो ऑफ इन्वेस्टिगेशन’ के रूप में हुई थी, और फिर 1935 में इसका नाम बदलकर ‘फेडरल ब्यूरो ऑफ इनवेस्टिगेशन’ (एफबीआई) रखा गया था।
एफबीआई की प्राथमिकताएं क्या हैं?
एफबीआई की वेबसाइट के अनुसार, इसकी सबसे बड़ी प्राथमिकता आतंकवादी हमलों को रोकना है। एफबीआई, अपने सहयोगियों के साथ मिलकर अमेरिका में आतंकवादी संगठनों को समाप्त करने का काम करती है, साथ ही उनका वैश्विक नेटवर्क भी तोड़ने की कोशिश करती है। एफबीआई के प्रयासों से आतंकवादी फंडिंग और सपोर्ट सिस्टम को खत्म करना भी एक अहम काम है।
इसके अलावा, साइबर अपराधों को रोकने के लिए भी एफबीआई महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। यह अमेरिकन अर्थव्यवस्था और नागरिकों को साइबर हमलों से बचाने के लिए योजनाएं बनाती है और हैकर्स के खिलाफ कार्रवाई करती है। एफबीआई अपने खुफिया नेटवर्क और सहयोगियों के साथ मिलकर साइबर अपराधियों को पकड़ने में मदद करती है।
एफबीआई, अमेरिका की इंटेलीजेंस एजेंसियों और उसकी एडवांस तकनीकों की सुरक्षा भी करती है। इसके अंतर्गत विदेशी जासूसी, डेटा चोरी और उन घटनाओं की जांच करना आता है, जो सुरक्षा के लिए खतरे का कारण बन सकती हैं।
क्या है ‘प्रोजेक्ट 2025’?
‘प्रोजेक्ट 2025’ को लेकर अमेरिका में कई चर्चाएं हो रही हैं, खासकर राइट विंग थिंक टैंक ‘हेरिटेज फाउंडेशन’ की रिपोर्ट के बाद। रिपोर्ट में प्रोजेक्ट 2025 के अंतर्गत सिफारिश की गई है कि अमेरिकी सरकार के स्वायत्त निकायों, जैसे एफबीआई, को राष्ट्रपति के सीधे नियंत्रण में लाया जाए। रिपोर्ट में एफबीआई को एक ‘घमंडी और कानून से हटकर काम करने वाली संस्था’ के तौर पर पेश किया गया है और कहा गया है कि इसे बड़े बदलावों की जरूरत है। इस रिपोर्ट के अनुसार, एफबीआई के कामकाज को बदलने के लिए सख्त कदम उठाए जाने चाहिए।
क्या ट्रंप ने प्रोजेक्ट 2025 को स्वीकार किया?
डोनाल्ड ट्रंप का इस प्रोजेक्ट पर रुख कुछ अलग है। उन्होंने प्रोजेक्ट 2025 से खुद को कुछ हद तक अलग कर लिया है। ट्रंप ने जुलाई 2023 में सोशल मीडिया पर कहा था कि वह प्रोजेक्ट 2025 के बारे में ज्यादा नहीं जानते हैं और कुछ बातों से वह सहमत नहीं हैं। इसके बावजूद, ट्रंप ने भारतीय मूल के काश पटेल को एफबीआई का निदेशक बनाने का ऐलान किया था, जो उनकी सरकार के दृष्टिकोण को दर्शाता है।
क्या एफबीआई खत्म हो जाएगी?
प्रोजेक्ट 2025 में जो सिफारिशें की जा रही हैं, उनमें एफबीआई को समाप्त करने या उसे अन्य एजेंसियों के तहत समाहित करने का सुझाव है। हालांकि, एफबीआई की भूमिका इतनी महत्वपूर्ण है कि इसे खत्म करना मुश्किल लगता है। एफबीआई हमेशा से अमेरिकी सुरक्षा और आंतरिक मामलों में एक प्रमुख संस्थान रही है, और इसके कामकाज में बदलाव लाना आसान नहीं होगा। इसके बावजूद, अगर प्रोजेक्ट 2025 को लागू किया जाता है, तो एफबीआई में बदलाव संभव हैं, लेकिन इसका असर अमेरिका की सुरक्षा पर पड़ना तय है।
एफबीआई के अंतर्गत क्या बदलाव हो सकते हैं?
प्रोजेक्ट 2025 के अनुसार, एफबीआई को राष्ट्रपति के सीधे नियंत्रण में लाने की सिफारिश की जा रही है। इसका मतलब यह है कि एफबीआई के संचालन, उसके निर्देशकों और उसके फैसलों पर सीधे राष्ट्रपति का प्रभाव होगा। इसके अलावा, एफबीआई के अंदरूनी सुधारों की भी बात की जा रही है, ताकि यह और अधिक प्रभावी और पारदर्शी तरीके से काम कर सके। हालांकि, इसके तहत एफबीआई के कुछ विभागों को समाप्त करने या उनका विलय करने की भी बात हो रही है, जिससे इसकी कार्यप्रणाली में बदलाव हो सकता है।
क्या एफबीआई का कामकाज बदलने से अमेरिकी सुरक्षा पर असर पड़ेगा?
एफबीआई का कामकाज अगर बदलता है तो निश्चित रूप से अमेरिकी सुरक्षा पर इसका असर पड़ सकता है। एफबीआई आतंकवाद, साइबर अपराध, और विदेशी जासूसी से लेकर अन्य बड़े अपराधों से लड़ने में सबसे महत्वपूर्ण एजेंसी है। अगर इसमें बदलाव किया जाता है तो सुरक्षा के लिहाज से एक बड़ी चुनौती हो सकती है। हालांकि, एफबीआई के खत्म होने या उसके कामकाज में बड़े बदलाव के बाद भी, अमेरिका अपनी सुरक्षा के लिए नई रणनीतियों को अपना सकता है।