ओवल ऑफिस में भिड़े ट्रंप-जेलेंस्की, बहस के बाद यूक्रेन के लिए खड़े हुए 25 देश!

अमेरिका के व्हाइट हाउस में यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोडिमिर जेलेंस्की और अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बीच जबरदस्त बहस हुई। ओवल ऑफिस में ट्रंप ने जेलेंस्की से तीखे सवाल पूछे, जिस पर यूक्रेनी राष्ट्रपति ने मजबूती से जवाब दिया। इस दौरान ट्रंप के साथ अमेरिका के उपराष्ट्रपति जे डी वेंस भी मौजूद थे। बहस इतनी गरम हो गई कि जेलेंस्की को व्हाइट हाउस से बाहर निकलते ही भारी समर्थन मिलने लगा।

व्हाइट हाउस में ट्रंप की फटकार, लेकिन जेलेंस्की टस से मस नहीं हुए

बैठक के दौरान ट्रंप और जे डी वेंस ने जेलेंस्की से यूक्रेन को दिए जा रहे अमेरिकी समर्थन को लेकर कई तीखे सवाल दागे। ट्रंप ने सीधे तौर पर पूछा कि यूक्रेन को अमेरिका से इतनी मदद क्यों चाहिए? जेलेंस्की ने भी बिना झुके जवाब दिया और कहा कि यूक्रेन सिर्फ अपना बचाव कर रहा है, वो अमेरिका पर बोझ नहीं बनना चाहता।

यूक्रेनी जनता का समर्थन, ‘हमारे राष्ट्रपति शेर की तरह लड़े’

जैसे ही यह खबर सामने आई, यूक्रेन में जनता जेलेंस्की के समर्थन में उतर आई। कीव की 67 वर्षीय नतालिया सेरहिएन्को ने कहा कि जेलेंस्की ने ट्रंप से शेर की तरह बहस की और अपने देश की गरिमा को बनाए रखा।

यूक्रेन के खारकीव में हुए रूसी ड्रोन हमलों के बाद क्षेत्रीय प्रमुख ओलेह सिनीहुबोव ने भी जेलेंस्की की तारीफ की और कहा, “हमारे राष्ट्रपति अडिग हैं कि रूस से सुरक्षा गारंटी के बिना कोई समझौता नहीं होगा।”

अमेरिका के व्यवहार से नाखुश यूक्रेन के लोग

कीव के निवासी 37 वर्षीय आर्टेम वसीलीव ने कहा कि ओवल ऑफिस में ट्रंप और अमेरिकी अधिकारियों ने पूरी तरह से अनादर दिखाया। उन्होंने कहा, “यूक्रेन अकेला देश है जो रूस के सामने खड़ा हुआ है, लेकिन हमें अनादर सहना पड़ रहा है। हम लोकतंत्र बचाने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन हमें खुद अपमानित होना पड़ रहा है।”

ट्रंप-जेलेंस्की की बहस के बाद कौन-कौन जेलेंस्की के समर्थन में आया?

इस गरमागरम बहस के बाद कई देशों ने खुलकर यूक्रेन और राष्ट्रपति जेलेंस्की का समर्थन किया। इन देशों में शामिल हैं:

  • कनाडा
  • फ्रांस
  • जर्मनी
  • यूनाइटेड किंगडम (यूके)
  • स्लोवेनिया
  • बेल्जियम
  • आयरलैंड
  • ऑस्ट्रिया
  • रोमानिया
  • क्रोएशिया
  • फिनलैंड
  • एस्तोनिया
  • लातविया
  • नीदरलैंड
  • लक्समबर्ग
  • पुर्तगाल
  • स्वीडन
  • नॉर्वे
  • चेक रिपब्लिक
  • लिथुआनिया
  • मोलदोवा
  • स्पेन
  • पोलैंड
  • यूरोपियन यूनियन (ईयू) ब्लॉक

इतना ही नहीं, इटली ने तो इस मुद्दे पर एक शिखर सम्मेलन बुलाने की भी मांग कर दी।

रूस खुश, अमेरिका-यूक्रेन रिश्तों में पड़ी दरार?

इस घटना के बाद रूस में हलचल तेज हो गई है। रूसी अधिकारियों ने इसे अमेरिका और यूक्रेन के रिश्तों में दरार के तौर पर देखा। मॉस्को में इस घटना को लेकर खुशी का माहौल है, क्योंकि यह यूक्रेन को मिलने वाली अमेरिकी मदद पर सवाल खड़े कर सकती है।

क्या अमेरिका यूक्रेन को कम सपोर्ट करेगा?

यह बहस अमेरिका की विदेश नीति पर असर डाल सकती है। अब सवाल यह उठ रहा है कि क्या ट्रंप अगर दोबारा राष्ट्रपति बने तो यूक्रेन को दी जाने वाली अमेरिकी मदद कम कर देंगे? या फिर यह बहस सिर्फ एक दिखावा थी?

फिलहाल, इस घटना ने अंतरराष्ट्रीय राजनीति को हिलाकर रख दिया है और आने वाले दिनों में इसके बड़े परिणाम देखने को मिल सकते हैं।

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