धूल में मिला भूपेंद्र सिंह हुड्डा, कुमारी सैलजा और रणदीप सुरजेवाला का सपना!

नई दिल्ली। हरियाणा विधानसभा चुनाव 2024 के रुझानों में कांग्रेस पीछे होती नजर आ रही है। बीजेपी लगातार तीसरी बार हरियाणा में सरकार बनाने की दिशा में बढ़ती दिख रही है। यदि रुझान सही साबित होते हैं और नतीजों में तब्दील होते हैं, तो कांग्रेस को तीसरी बार राज्य में विपक्ष में बैठना पड़ेगा। यह न केवल कांग्रेस आलाकमान, जिसमें राहुल गांधी, सोनिया गांधी, प्रियंका गांधी वाड्रा और अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे शामिल हैं, के लिए बड़ा झटका होगा, बल्कि हरियाणा में कांग्रेस के तीन दिग्गज भूपेंद्र सिंह हुड्डा, कुमारी सैलजा और रणदीप सिंह सुरजेवाला का भी सीएम बनने का सपना चूर-चूर हो जाएगा।

एक्जिट पोल ने इन नेताओं का बढ़ा दिया था उत्साह

हरियाणा में कांग्रेस के तीनों दिग्गज नेता भूपेंद्र सिंह हुड्डा, कुमारी सैलजा और रणदीप सुरजेवाला चुनाव से पहले उत्साहित थे कि इस बार उनकी पार्टी सरकार बनाएगी। एक्जिट पोल के नतीजों ने इन नेताओं का उत्साह बढ़ा दिया था। भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा था कि सभी को सीएम बनने की इच्छा होती है, लेकिन विधायक नाम तय करके आलाकमान को भेजेंगे, जो हरियाणा का अगला सीएम तय करेगा।

कुमारी सैलजा की उम्मीदें

कुमारी सैलजा वोटों की गिनती के शुरुआती दौर में कांग्रेस को मिली बढ़त को लेकर उत्साहित थीं। उन्होंने पिछले दिनों कहा था कि वे आलाकमान का फैसला मानेंगी और उनका नाम भी बतौर सीएम आगे आ सकता है। उनका यह विश्वास पार्टी के भीतर उम्मीदों को जिंदा रखे हुए था।

रणदीप सुरजेवाला का दावा

रणदीप सुरजेवाला ने हरियाणा के विकास, युवाओं को रोजगार और अन्य मुद्दों पर अपना विजन पेश किया था। उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा था कि वे सीएम पद के लिए अपना दावा पेश करते हैं, लेकिन यह भी जोड़ा कि सभी को आलाकमान का अंतिम फैसला मान्य होगा।

कांग्रेस के सपनों पर ग्रहण

हालांकि, अब जब हरियाणा विधानसभा चुनाव के रुझान ये दर्शा रहे हैं कि बीजेपी फिर से सत्ता में आ सकती है, तो भूपेंद्र सिंह हुड्डा, कुमारी सैलजा और रणदीप सुरजेवाला के सपनों को धूल में मिलते देखा जा रहा है। ऐसे में कांग्रेस में नतीजों को लेकर सिर फुटव्वल की स्थिति भी बन सकती है।

कांग्रेस के भीतर पहले से ही भूपेंद्र सिंह हुड्डा और कुमारी सैलजा के बीच टकराव का माहौल रहा है। कुमारी सैलजा ने हाल ही में एक इंटरव्यू में यह तक कहा था कि उन्हें याद नहीं है कि आखिरी बार उनकी हुड्डा से कब बातचीत हुई थी। यह स्थिति कांग्रेस के लिए चिंता का विषय बन सकती है, खासकर जब पार्टी को नए सिरे से एकजुट होने की जरूरत है।

भविष्य की संभावनाएं

अगर कांग्रेस फिर से विपक्ष में बैठती है, तो उसे अपनी रणनीतियों पर गंभीरता से विचार करना होगा। इससे यह भी स्पष्ट होगा कि भूपेंद्र सिंह हुड्डा, कुमारी सैलजा और रणदीप सुरजेवाला के बीच की प्रतिस्पर्धा उनके भविष्य की राजनीति को कैसे प्रभावित कर सकती है।

हरियाणा की राजनीतिक तस्वीर अब एक नई दिशा में जाती दिख रही है, और सभी की निगाहें अंतिम परिणाम पर टिकी हैं।

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