जेट एयरवेज के लिए थोड़ी राहत की खबर है। शुक्रवार की दोपहर इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया ने उसे फ्यूल देने से इनकार कर दिया था। इंडियन ऑयल के प्रवक्ता ने बताया कि पेमेंट न दिए जाने के कारण देशभर में जेट एयरवेज के विमानों को फ्यूल देना बंद किया जा रहा है। लेकिन देर शाम इंडियन ऑयल ने अपना फैसला टाल दिया। इसके साथ ही जेट एयरवेज के विमानों को होने वाली फ्यूल की संभावित दिक्क्त फौरी तौर पर खत्म हो गई। इससे पहले गुरुवार को भी इंडियन ऑयल ने एक घंटे के लिए जेट एयरवेज के विमानों को फ्यूल नहीं दिया था।
#UPDATE: Indian Oil Corporation Ltd (IOCL) has resumed fuel services to Jet Airways. https://t.co/hzUz59TzEI
— ANI (@ANI) April 5, 2019
जेट की डूबती नैया में अब बैंक समूह भी पैसा लगाने में हिचक रहा है। वहीं दूसरी ओर, एविएशन रेगुलेटर (DGCA)ने भी जेट एयरवेज के खाली पड़े तमाम स्लॉट या रूट अब दूसरे एयरलाइन को देने शुरू कर दिए हैं। गर्मियां का सीजन एविएशन सेक्टर के लिहाज से कमाई वाला सीजन होता है. गर्मियों के मौसम में डिमांड बहुत ज्यादा रहती है।
इस बीच टाटा ग्रुप की एयरलाइन कंपनी एयर एशिया और विस्तार ने मुंबई से 11 नई उड़ानों की घोषणा की है। दरअसल, मुंबई हवाई अड्डे पर जेट एयरवेज के बेकार पड़े स्लॉट जारी किए गए थे। इसके बाद विस्तारा की ओर से मुंबई-बेंगलुरु के बीच 5 नई उड़ानों की घोषणा की गई है।
संकट में फंसी जेट एयरवेज के भविष्य को लेकर अनिश्चितता बनी हुई है और उसके 30 से कम विमान फिलहाल परिचालन में हैं। इस बीच जेट एयरवेज के कर्जदाताओं ने एयरलाइन में हिस्सेदारी बिक्री के लिए 6 अप्रैल को बोली आमंत्रित करने को कहा है। कर्जदाताओं ने यह भी कहा है कि अगर हिस्सेदारी बिक्री का ‘स्वीकार्य परिणाम’ नहीं आता है, तो स्टेट बैंक की अगुवाई वाले वित्तीय संस्थानों का समूह अन्य विकल्पों पर विचार करेगा। वित्तीय संस्थानों का जेट एयरवेज के ऊपर 8,000 करोड़ रुपये से अधिक बकाया है।
जेट एयरवेज के निदेशक मंडल ने बीते 25 मार्च को मंजूर कर्ज समाधान योजना के तहत कर्जदाताओं ने एयरलाइन में बहुलांश हिस्सेदारी ली और उसमें 1,500 करोड़ रुपये की पूंजी डालने की घोषणा की। एयरलाइन के संस्थापक और प्रवर्तक नरेश गोयल के साथ उनकी पत्नी अनीता गोयल ने निदेशक मंडल से इस्तीफा दे दिया। गोयल की हिस्सेदारी भी 51 प्रतिशत से घटकर 25 प्रतिशत पर आ गई है।