दिल्ली विश्वविद्यालय छात्रसंघ चुनाव अब अपने पूरे आवेग में है। मतदान के बाद परिणाम का बहुत ही बेसब्री से इंतजार किया जा रहा है। अब तक आठ चक्र की मतगणना पूरी हो गई है।अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद यानी एबीवीपी प्रत्याशी चारों सीटों पर सबसे आगे चल रहे हैं। परिषद के तुषार को 6784 वोट मिले हैं जबकि भारतीय राष्ट्रीय छात्र संघ के हितेश को 4807 वोट मिले हैं। तुषार अध्यक्ष पद के लिए 1977 से आगे चल रहे हैं। इसके बाद यहां से का जीत रास्ता तुषार डेढ़ा के लिए साफ माना जा रहा है।
फिलहाल अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने महाविद्यालय संगठन में अपनी जीत का परचम लहराया है। रामजस और हंसराज कालेज सहित 32 महाविद्यालय में परिषद तो 17 महाविद्यालय में एनएसयूआई को बहुमत मिला है। मतगणना को देखते हुए दिल्ली पुलिस ने विश्वविद्यालय की सुरक्षा व्यवस्था बढ़ा दी है। फिलहाल इस चुनाव में प्रमुख रूप से लड़ाई एबीवीपी और एनएसयूआई के बीच मानी जा रही है लेकिन आइसा और एसएफआई भी मैदान में डटे हुए हैं।
दिल्ली की राजनीति का सफर कई नेताओं ने दिल्ली छात्रसंघ चुनाव के रास्ते तय किया है। इसमें अरुण जेटली का नाम सबसे प्रमुख हैं। अरुण जेटली भाजपा के न केवल कद्दावर नेता रहे बल्कि कई विभागें के वह केंद्रीय मंत्री भी रहे। 1974 में छात्र संघ चुनाव में जीत दर्ज की और फिर पीछे मुड़कर नहीं देखा।