विदेश मंत्री एस जयशंकर भारत और मॉरीशस के बीच विशेष संबंधों को आगे बढ़ाने के लिए ‘‘सार्थक वार्ता’’ करने के मकसद से मंगलवार को दो दिवसीय यात्रा पर यहां पहुंचे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार के तीसरे कार्यकाल में फिर से विदेश मंत्री नियुक्त किए जाने के बाद, जयशंकर हिंद महासागर के द्वीपीय राष्ट्र की इस यात्रा के दौरान पहली द्विपक्षीय बैठक करेंगे। यह यात्रा भारत एवं मॉरीशस के संबंधों के महत्व को रेखांकित करती है और यह भारत की ‘पड़ोस प्रथम की नीति’, ‘विजन सागर’ और ‘ग्लोबल साउथ’ (अल्प विकसित देशों) के प्रति प्रतिबद्धता को प्रतिबिंबित करती है।
नमस्ते मॉरिशस।
विदेश मंत्री @ManeeshGobin के स्वागत के लिए आभार।
इस विशेष रिश्ते को और आगे ले जाने हेतु उपयोगी चर्चा के लिए तत्पर हूँ।
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— Dr. S. Jaishankar (@DrSJaishankar) July 16, 2024
मॉरीशस के विदेश, क्षेत्रीय एकीकरण और अंतरराष्ट्रीय व्यापार मंत्री मनीष गोबिन ने हवाई अड्डे पर जयशंकर का स्वागत किया। जयशंकर ने तस्वीरें साझा करते हुए सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर लिखा, ‘‘नमस्ते मॉरीशस। गर्मजोशी से स्वागत करने के लिए विदेश मंत्री मनीष गोबिन को धन्यवाद।’’ उन्होंने कहा, ‘‘इस विशेष संबंध को आगे बढ़ाने के लिए सार्थक वार्ता होने की उम्मीद है।’’
वहीं, गोबिन ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा कि जयशंकर की यात्रा दोनों देशों के बीच ‘‘मजबूत और स्थायी’’ साझेदारी को दर्शाती है। उन्होंने कहा, ‘‘जयशंकर का मॉरीशस में स्वागत करके मुझे खुशी हुई। उनकी यात्रा हमारे देशों के बीच मजबूत और स्थायी साझेदारी को दर्शाती है। हम साथ मिलकर अपने संबंधों को मजबूत करना जारी रखेंगे और सहयोग के नए रास्ते तलाशेंगे।’’ जयशंकर इस यात्रा के दौरान मॉरीशस के प्रधानमंत्री प्रविंद जगन्नाथ से मुलाकात करेंगे और अन्य वरिष्ठ मंत्रियों के साथ द्विपक्षीय बैठक भी करेंगे।