फिलीपींस के मिन्दनाओ द्वीपर में देर रात भुकंप के तेज झटके महसूस किए गए हैं. नेशनल सेंटर फॉर सिस्मोलॉली के मुताबिक, भुकंप की तीव्रता रिक्टर स्केल पर 7.1 दर्ज की गई. मिली जानकारी के मुताबिक, भुकंप की गहराई, 49 किलोमीटर मापी गई वहीं, इसका केंद्र इंडोनेशिया के सुलावेसी से करीब 695 किलोमीटर उत्तर-उत्तरपूर्व रहा.
बता दें, भुंकप के कारण अमेरिकी सुनामी चेतावनी प्रणाली ने चेतावनी जारी की है. खबरों के मुताबिक, भुंकप के चलते अब तक किसी जानमाल की क्षति की जानकारी सामने नहीं आयी है. फिलीपींस में भुंकप के इतिहास पर नजर डालें तो साल 2013 के अक्टूबर महीने में भयानक भुकंप आया था. बोहाल द्वीप में तब 7.2 तीव्रता का भुकंप दर्ज किया गया था जिसमें करीब 220 लोगों की मौत हुई थी. यूनिसेफ के अनुसार, इस भुकंप में 50 हजार से अधिक घर तबाह हो गए थे.
Earthquake of Magnitude:7.1, Occurred on 11-08-2021, 23:16:15 IST, Lat: 6.47 & Long: 126.79, Depth: 49 Km ,Location: 695km NNE of Kotamobagu,Sulawesi,Indonesia for more information download the BhooKamp App https://t.co/u0X9JhMv0i pic.twitter.com/IwJavjTgFk
— National Center for Seismology (@NCS_Earthquake) August 11, 2021
आखिर क्यों आता है भूकंप
धरती मुख्य तौर पर चार परतों से बनी हुई है. इनर कोर, आउटर कोर, मैनटल और क्रस्ट. क्रस्ट और ऊपरी मैन्टल कोर को लिथोस्फेयर के नाम से जाना जाता है. ये 50 किलोमीटर की मोटी परत कई वर्गों में बंटी हुई है. इसे टैकटोनिक प्लेट्स कहा जाता है. ये टैकटोनिक प्लेट्स अपनी जगह पर हिलती-डुलती रहती हैं. जब ये प्लेट बहुत ज्यादा हिलने लगती है तो उसे भूकंप कहते हैं. ये प्लेट क्षैतिज और ऊर्ध्वाधर दोनों ही तरह से अपनी जगह से हिल सकती हैं. इसके बाद वह स्थिर रहते हुए अपनी जगह तलाशती हैं इस दौरान एक प्लेट दूसरी प्लेट के नीचे आ जाता है.
भूकंप की तीव्रता का अंदाजा केंद्र (एपीसेंटर) से निकलने वाली ऊर्जा की तरंगों से लगाया जाता है. इन तरंगों से सैंकड़ो किलोमीटर तक कंपन होता है और धरती में दरारें तक पड़ जाती है. अगर भूकंप की गहराई उथली हो तो इससे बाहर निकलने वाली ऊर्जा सतह के काफी करीब होती है जिससे भयानक तबाही होती है. लेकिन जो भूकंप धरती की गहराई में आते हैं उनसे सतह पर ज्यादा नुकसान नहीं होता. समुद्र में भूकंप आने पर उंची और तेज लहरें उठती है जिसे सुनामी भी कहते हैं.