देश के पीएम नरेंद्र मोदी ने बुधवार यानी आज रूस के व्लादिवोस्तोक में आयोजित 7 वें इस्टर्न इकोनॉमिक फोरम को आभासीय रूप से संबोधित किया। इस अवसर पर प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, इसी माह, व्लादिवोस्तोक में भारत के दूतावास की स्थापना के 30 साल पूरे हो रहे हैं। मोदी ने आगे कहा, यहां पर दूतावास खोलने वाला पहला मुल्क भारत ही था।
This forum (Eastern Economic Forum) established in 2015 has become a primary platform of international cooperation for the development of the Russian far-East. Thus, I commend & congratulate Russian President Putin for his vision: PM Narendra Modi pic.twitter.com/itizRJ4d7T
— ANI (@ANI) September 7, 2022
प्रधानमंत्री ने कहा, 2019 में मुझे इस फोरम में भाग लेने का अवसर मिला था। उस वक्त हमने हिंदुस्तान की एक्ट ईस्ट नीति का ऐलान किया था। मोदी ने कहा, इसके फलस्वरूप, रसियन फार इस्ट के साथ विभिन्न क्षेत्रों में हिंदुस्तान का सहयोग बढ़ा है।
In 2019, we announced 'Act Far-East' policy. As a result, India's cooperation with Russian Far-East increased in various fields. Now it's become a major pillar of 'Special & Privileged Strategic Partnership' of India & Russia: PM Modi, at 7th Eastern Economic Forum in Vladivostok pic.twitter.com/jpFXbdIsJt
— ANI (@ANI) September 7, 2022
नरेंद्र मोदी ने कहा, आज यह नीति हिंदुस्तान और रूस की एक विशेषाधिकार प्राप्त रणनीतिक साझेदारी का प्रमुख स्तम्भ बन गयी है। पीएम ने कहा, हिंदुस्तान आर्कटिक मसलों पर रूस के साथ अपनी साझेदारी को शसक्त करने के लिए उत्सुक है। ऊर्जा के क्षेत्र में भी भागीदारी की अपार संभावनाएं हैं। उन्होंने कहा उर्जा के साथ-साथ, हिंदुस्तान ने फार्मा और हीरे के क्षेत्रों में भी अहम निवेश किये हैं।
India is keen to strengthen its partnership with Russia on Arctic subjects. There is immense scope for cooperation in the field of energy. Along with energy, India has also made significant investments in the Russian Far East in the fields of pharma & diamonds: PM Narendra Modi pic.twitter.com/NKUGfyRNl4
— ANI (@ANI) September 7, 2022