अरविन्द केजरीवाल के खिलाफ दायर की गई ईडी की सप्लीमेंट्री चार्जशीट में कई नए खुलासे किए गए हैं. ईडी की सप्लीमेंट्री चार्जशीट में सीएम केजरीवाल को आरोपी नंबर-37 तो वहीं आरोपी नंबर-38 के स्थान पर पहली बार किसी पार्टी का नाम दर्ज किया गया है। ये पार्टी कोई और नहीं बल्कि आरोपी नंबर 37 की पार्टी आम आदमी पार्टी है। इसी के साथ अब ये सवाल उठना शुरू हो गया है कि क्या आम आदमी पार्टी की मान्यता रद्द की जा सकती है।
दरअसल इस चार्जशीट में हवाला के नोटों (टोकन ) की कॉपी का जिक्र किया गया है. ईडी ने इन टोकन नोटों की कॉपी को सबूत के तौर पर पेश किया है. अपनी सप्लीमेंट्री चार्जशीट में ईडी ने प्रोसीड ऑफ क्राइम का भी जिक्र किया है. जिसमें बताया गया है कि आरोपी विनोद चौहान के मोबाइल से हवाला नोट नंबर के काफी स्क्रीन शॉट बरामद हुए हैं. इन नोटों को इनकम टैक्स विभाग ने भी पहले बरामद किया था.
ईडी ने कहा कि ये स्क्रीन शॉट दिखाते हैं कि कैसे विनोद चौहान अपराध से हासिल रकम को दिल्ली से गोवा हवाला के जरिये ट्रांसफर कर रहा था. इस पैसे का इस्तेमाल आम आदमी पार्टी द्वारा गोवा चुनाव में इस्तेमाल किया जाना था. हवाला से गोवा पहुंचे पैसे को वहां मौजूद चनप्रीत सिंह मैनेज कर रहा था. हवाला के जरिये गोवा भेजे गए पैसे को लेकर विनोद चौहान और अभिषेक बॉन पिल्लई के बीच जो बातचीत हुई उसके सबूत भी ईडी के पास मौजूद हैं.
अशोक कौशिक ने अभिषेक बॉन पिल्लई के कहने पर नोटों से भर दो बैग अलग-अलग दो अलग-अलग तारीख पर विनोद चौहान को पहुंचाए. उसका बयान भी ईडी ने दर्ज किया है. ईडी का कहना है की ये मनी ट्रेल सीधे तौर पर साबित करती है कि कैसे अपराध से हासिल पैसा जो कि साउथ ग्रुप से बतौर रिश्वत दिया गया, आम आदमी पार्टी ने गोवा इलेक्शन में इस्तेमाल किया. ईडी के पास हवाला मनी ट्रांसफर से जुड़े विनोद चौहान और अभिषेक बॉन पिल्लई के बीच की व्हाट्सएप चैट भी मौजूद है. जिसमें हवाला टोकन मनी का स्क्रीन शॉट भी मुहैया कराया गया है.