धन उगाही जैसे संवेदनशील मामलों में समन जारी करने के लिए ईडी ने एक मजबूत सिस्टम विकसित किया है। इसके तहत समन अब डिजिटल रूप से बनाए जाएंगे। इस समन पर यूनिक QR Code लगा होगा जिसे स्कैन करके मिले समन की सत्यता और प्रामाणिकता को जाँचा जा सकता है। जब स्कैन किया जाता है, तो यूनिक क्यूआर कोड उन्हें प्रवर्तन निदेशालय के वेबसाइट पर ले जाता है, जहां समन में उल्लिखित पासकोड अंकित करके समन की डिटेल देखी जा सकती है।
गौरतलब है कि प्रवर्तन निदेशालय ने हाल ही में एक अंतर्राज्यीय गिरोह का खुलासा किया है, जो हाई प्रोफाइल लोगों और बिजनेसमैन को फर्जी समन/नोटिस तैयार करता था और उन्हें धमकाता था। गैंग ने निप्पॉन पेंट्स के चेयरमैन और डायरेक्टर को फर्जी समन तलब किया, उन्हें दिल्ली स्थित प्रवर्तन निदेशालय के कार्यालय में पेश होने और PMLA के तहत कार्यवाही में हिस्सा लेने का निर्देश दिया।
कंपनी के चेयरमैन को जैसे ही जालसाजी की आशंका हुई वैसे ही वह इस केस को केंद्रीय एजेंसी के संज्ञान में लाए, जिसने गैंग से संपर्क किया और उन्हें बातचीत के लिए राजधानी दिल्ली आने को कहा। कुछ हिचकिचाहट के बाद, गैंग के एजेंट मान गए और प्रवर्तन निदेशालय और दिल्ली पुलिस की एक टीम ने किंगपिन अखिलेश मिश्रा को अरेस्ट कर लिया। विज्ञप्ति में कहा गया है कि अरेस्ट किए गए अन्य लोगों में दर्शन हरीश जोशी भी मुंबई के रहने वाले हैं और देवेंद्र दुबे भारत सरकार के स्टीकर वाली कार में प्रवर्तन निदेशालय के बड़े अफसर बनकर आए थे।
ED has evolved a fool-proof mechanism for issuance of summons for the recording of statements under PMLA as well as FEMA. The Summons approved by the competent authority are generated electronically and can be authenticated by a unique QR code mentioned on the summons: ED pic.twitter.com/ebfwVB5qW4
— ANI (@ANI) November 23, 2022