प्रवर्तन निदेशालय ने अखिलेश यादव पर खनन घोटाले और रिवर फ्रंट मामले पर घेरने के बाद अब मायावती पर शिकंजा कसना शुरु कर दिया. 3 साल ठंडे बस्ते में पड़े स्मारक घोटाले मामले पर ईडी की जांच में अब तेजी आ गई है और मायावती के करीबियों पर कार्रवाई शुरु कर दी गई है.
मायावती के करीबियों पर ईडी की छापेमारी
दरअसल, गुरुवार को राजधानी लखनऊ समेत एनसीआर के 6 ठिकानों पर ईडी ने छापेमारी की. ईडी की टीम ने लखनऊ के गोमती नगर में इंजिनियरों, ठेकेदारों और स्मारक घोटाले से जुड़े लोगों के ठिकानों पर छापा मारे. बता दें कि बसपा मुखिया मायावती सरकार के दौरान लखनऊ व नोएडा में स्मारक का निर्माण किया गया था. इसमें करीब 1400 करोड़ रुपये का घोटाला सामने आया था और अब इसकी जांच अंतिम दौर में है. इस मामले की जांच सतर्कता अधिष्ठान ने की थी और इसके लिए विजिलेंस में सात इंस्पेक्टर की एक एसआईटी का गठन भी किया गया था. विजिलेंस की जांच की रिपोर्ट मिलने के बाद ईडी ने छापेमारी शुरु की है.
सपा सरकार में भी हुई थी जांच-
आज भले ही मायावती और अखिलेश ने हाथ मिला लिया हो लेकिन सपा के कार्यकाल के दौरान सरकार ने ही स्मारक घोटाले की जांच विजिलेंस को सौंपी थी. शुरुआत में जांच में तेजी दिखाई गई लेकिन उसके बाद मामला ठंडा पड़ गया था.
मनी लॉन्ड्रिंग के मिले सबूत
ईडी के सूत्रों की मानें तो विजिलेंस को जांच में स्मारक घोटाले के तहत मनी लॉन्ड्रिंग के सबूत मिले हैं। जिसे इकट्ठा करने के लिए ईडी इस घोटाले से जुड़ी फर्मों व निर्माण निगम इंजीनियर्स समेत अलग अलग ठिकानों पर छापेमारी कर रही है. ईडी की कार्रवाई में पत्थर आपूर्ति से जुड़ी फर्म फंस सकती हैं.
क्या है स्मारक घोटाला ?
बता दें कि मायावती ने अपने कार्यकाल के दौरान नोएडा और लखनऊ में पार्कों और स्मारकों का निर्माण कराया था जिसमें बड़े पैमाने पर घोटाले होने की बात कही गई थी. दिलचस्प बात ये हैं कि वर्तमान गठबंधन में बंधे सपा-बसपा के सपा साथी ने उत्तरप्रदेश की सत्ता संभालते ही पार्कों और स्मारकों में पत्थरों को लगाने में हुए घोटाले की जांच उत्तर प्रदेश के लोकायुक्त से करने की सिफारिश की थी. जांच के दौरान 1400 करोड़ का घोटाला सामने आया था.